Tag: गुरु गोलवलकर

राष्ट्रवाद का बदलता भगवा रंग

राष्ट्रवादी होने का कोई गीत नहीं गाया जा सकता, राष्ट्रवाद अपने आप में एक जज्बा है, जूनून है देश राष्ट्रवाद की ईंट है और इसमें जाति, धर्म, रंग, मजदूर, गरीब…

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