साहित्य हिसार मेरी यादों में जालंधर- भाग सत्रह …….. क्या मोहन राकेश ही कालिदास तो नहीं थे? 21/01/2024 bharatsarathiadmin -कमलेश भारतीय पता नहीं, किधर से किधर , यादों की गलियों में निकल जाता हूँ और बहुत बार यादों में खोया-खोया, किसी एक में पूरी तरह खो जाता हूँ। आज…
साहित्य हिसार मेरी यादों में जालंधर- भाग ग्यारह ……. अश्क और मोहन राकेश के ठहाके….कुछ कदम आगे, कुछ कदम पीछे 12/01/2024 bharatsarathiadmin -कमलेश भारतीय यादें भी क्या चीज़ हैं, जो आती हैं, तो आती ही जाती हैं । इनके आने का न तो कोई सबब होता है और न ही कोई ओर-…
साहित्य हिसार क्यों नहीं आते लेखक अच्छे अच्छे ,,, 04/08/2020 bharatsarathiadmin -कमलेश भारतीय अपने देश के विश्वविद्यालयों में अभी तक सिर खफा रहे हैं शोधार्थी कि सूरदास वगैरह प्राचीन कवियों के जन्मस्थान कहां हैं ? बेचारे शोध छात्र क्या करें ?…