Tag: डॉ. सत्यवान सौरभ

घोर कलयुग की दस्तक ……. नैतिक पतन के चलते खतरे में इंसानी रिश्ते

समाज में कितना पतन बाकी है? यह सुनकर दिल दहल जाता है कि कोई बेटा अपने ही माता-पिता की इतनी निर्ममता से हत्या कर सकता है? महिला ने जेठ के…

भगत सिंह: “इंकलाब से आज तक”

“क्रांति बंदूक की गोली से नहीं, बल्कि विचारों की ताकत से आती है।” भगत सिंह का जीवन केवल एक क्रांतिकारी गाथा नहीं, बल्कि एक विचारधारा का प्रतीक है। उनकी शहादत…

जल दिवस: 22 मार्च विशेष- अतीत की गोद में सोए तालाब और बावड़ियाँ : बस पानी ही नहीं, कहानियों का खजाना

अगर हम तालाबों और बावड़ियों को सिर्फ़ पानी जमा करने की जगह समझते हैं, तो शायद हम उनके साथ न्याय नहीं कर रहे। ये सिर्फ़ जल-स्रोत नहीं, बल्कि सदियों की…

प्रसिद्धि की बैसाखी बनता साहित्य में चौर्यकर्म

✍️ डॉ. सत्यवान सौरभ साहित्य, जो समाज का दर्पण माना जाता है, आज स्वयं एक गंभीर संकट का सामना कर रहा है—साहित्यिक चोरी। हाल ही में हरियाणा के एक लेखक…

यूक्रेन के लिए अमेरिकी समर्थन का भविष्य? 

यूक्रेन के लिए अमेरिकी समर्थन का दृष्टिकोण वर्तमान में अस्पष्ट है, जो राजनीतिक कारकों, सैन्य आवश्यकताओं और वैश्विक सम्बंधों द्वारा आकार लेता है। यूक्रेन को अमेरिकी सहायता का स्तर राजनीतिक…

क्या जघन्य अपराधियों की न सुनी जाये पैरोल की अर्ज़ी?

कैदियों की समय से पहले रिहाई से समाज को ख़तरा हो सकता है, खासकर तब जब वे बार-बार अपराध करते हों। हाल के वर्षों में, इस विचार में एक महत्त्वपूर्ण…

डॉक्टर बनने के लिए क्यों देश छोड़ रहे भारतीय छात्र? क्या शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर है या कुछ और?

घरेलू मेडिकल संस्थानों में उपलब्ध कुछ सीटों के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा और इस तथ्य के कारण कि कुछ देश बहुत कम ट्यूशन फीस देते हैं, भारतीय छात्र अक्सर विदेश में…

भारत के घरेलू कामगार ……….. क्यों है दरकिनार?

घरेलू काम को सामाजिक रूप से महत्त्व दिया जाए और उचित पारिश्रमिक दिया जाए, कानून में सम्मानजनक कार्य स्थितियों की भी आवश्यकता हो सकती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और…

अवैध प्रवासन को सहानुभूति और तत्परता से हल करे भारत

भारत ने बिना दस्तावेज़ वाले भारतीयों को तब तक स्वीकार करने पर सहमति जताई है, जब तक उनकी राष्ट्रीयता सत्यापित हो जाती है और इसने द्विपक्षीय सम्बंधों से समझौता किए…

महामारी में राज्य सरकारों की स्वास्थ्य सेवाएं कमजोर क्यों? 

भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि अनेक स्वास्थ्य क्षेत्रों का तेजी से वैश्वीकरण हो रहा है तथा समकालीन प्रौद्योगिकियों का प्रभाव बढ़…

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