Tag: लोकतंत्र

25 दिसंबर, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जयंती विशेषलेख : “अटल रत्न” एक युग प्रवर्तक

हेमेन्द्र क्षीरसागर, पत्रकार, लेखक व स्तंभकार भारतीय जनचेतना के शिखर पुरुष, राजनैतिक शुचिता एवं जन-गण की प्रखर आवाज राष्ट्रधर्म के संवाहक, भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई हमारे बीच…

टेलीविजन और सिनेमा के साथ जुड़े राष्ट्रीय हित

टेलीविजन और सिनेमा में कुछ विषय या कहानियां लोगों को एक साथ ला सकती हैं और उन्हें धर्म, जाति और समाज को विभाजित करने वाली ऐसी अन्य गलत रेखाओं से…

लोकतंत्र की पवित्रता और आदर्श आचार संहिता

सैद्धांतिक रूप से यह जितना आदर्श से युक्त है, व्यवहार में इसका अनुपालन कम ही होता दिखाई देता है। जातिवाद, क्षेत्रवाद, बाहुबल और धनबल के रसूख से भरे चुनावी अभियान…

गाँव-गाँव अब रो रहा, गांधी का स्वराज। भंग पड़ी पंचायतें, रुके हुए सब काज।।

महिलाओं तथा दूसरे पिछड़े और हाशिये पर खड़े समाज के सशक्तिकरण जैसी उपलब्धियों के बावजूद विकेन्द्रीकरण की प्रक्रिया काफी धीमी, सुस्त और असंतोषजनक है। इन संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया…

बोहनी तो अच्छी हुई, लेकिन सफर लम्बा है : योगेन्द्र यादव

योगेन्द्र यादव यात्रा कैसी चल रही है? कुछ असर दिखाई दिया? चुनाव में फायदा होगा? कुछ हासिल होगा भी या नहीं? जब से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कन्याकुमारी से रवाना हुई…

15 सितंबर: अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस….. कमजोर पड़ते विपक्ष से भारतीय लोकतंत्र खतरे में !

सरकार को आलोचना को सिरे से खारिज करने के बजाय सुनना चाहिए। लोकतांत्रिक मूल्यों को खत्म करने के सुझावों पर एक विचारशील और सम्मानजनक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। प्रेस और…

बिहार में जंगलराज या लोकतंत्र ?

-कमलेश भारतीय क्या बिहार में दो चार दिन में ही जंगलराज लौटा है या लोकतंत्र ? भाजपा के प्रवक्ता डाॅ संबित पात्रा एक ऐसे डाॅक्टर ठहरे जो दो चार दिन…

अमृत महोत्सव के जश्न में, कहाँ खड़े हैं आज हम ?

विश्व की उदीयमान प्रबल शक्ति के बावजूद भारत अक्सर वैचारिक ऊहापोह में घिरा रहता है. यही कारण है कि देश के उज्ज्वल भविष्य और वास्तविकता में अंतर दिखाई देता है.…

हर-घर तिरंगा अभियान के नाम पर औच्छी राजनीति ! विद्रोही

हर-घर तिरंगा अभियान के नाम पर भाजपा सरकार महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, गरीबी, सरकारी कुव्यवस्था, आर्थिक बदहाली से जूझ रहे आमजनों का असली मुद्दो से ध्यान हटाकर उसे भावनात्मक मुद्दों के…

संसद न चलने से आखिर किसको है नुकसान?

एक सांसद क्या कर रहा है, इसकी उचित जांच और ऑडिट की आवश्यकता है और उसके आधार पर कुछ नियमों को बनाने की आवश्यकता है, सत्ताधारी दलों ने कभी ऐसे…

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