गुरुग्राम कोर्ट में जेएमआईसी मजिस्ट्रेट आजाद सिंह की कोर्ट में हुई सुनवाई.
विजिलेंस के द्वारा मांगा गया था एक से अधिक दिन का हिरासत रिमांड.
रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद भेजा गया न्यायिक हिरासत में भोंडसी.
एक अन्य आरोपी क्लर्क आजाद को पहले ही भेजा गया न्यायिक हिरासत

फतह सिंह उजाला

पटौदी । पटौदी सब डिविजनल कोर्ट और स्थानीय एमएलए ऑफिस के बराबर में ही स्थित एसडीूई-पीडब्ल्यूडी- बी एंड आर ऑफिस में घूस में लिए गए 25 हजार रुपए बैठकर आपस में आधे-आधे गिनते हुए विजिलेंस टीम के द्वारा रंगे हाथ दबोचे गए जेई और क्लर्क को गुरुग्राम कोर्ट में जेएमआईसी मजिस्ट्रेट आजाद सिंह की कोर्ट में पेश किया गया । विजिलेंस के द्वारा पीड़ित पक्ष से ली गई घूस की पूरी रकम की रिकवरी के लिए विजिलेंस के द्वारा आरोपियों में से जेई को एक से अधिक दिन रिमांड पर देने का अनुरोध किया गया। लेकिन कोर्ट ने एक ही दिन के लिए आरोपी जेई ईश्वर की विजिलेंस हिरासत रिमांड स्वीकार की। बुधवार को रिमांड अवधि पूरी होने के बाद फिर से कोर्ट में पेश किया जाने के बाद आरोपी जेई को न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेजने के निर्देश दिए गए । आरोपी जेई के अलावा घूस लेने के आरोपी क्लर्क आजाद को पहले ही न्यायिक हिरासत में भेजने के कोर्ट के द्वारा निर्देश दे दिए गए थे।

गौरतलब है कि पटौदी विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े गांव बोहड़ाकला के निवासी विक्रम शर्मा पुत्र दौलतराम के द्वारा बनाए जा रहे वेयरहाउस की सीएलयू के वास्ते एनओसी प्राप्त करने के लिए पटौदी स्थित पीडब्ल्यूई , पीडब्ल्यूडी- बी एंड आर कार्यालय में 50000 की घूस की मांग की गई थी । लेकिन यह सारा मामला 45000 में फाइनल किया गया। इस पूरे मामले में पीड़ित विक्रम शर्मा पुत्र दौलत राम के द्वारा विजिलेंस विभाग गुरुग्राम को दी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि घूस की रकम की जो मांग की गई उसमें 20000 पीडब्ल्यूडी विभाग पटौदी के एसडीई , 20000 स्वयं जेई ईश्वर के लिए तथा बाकी रकम अन्य स्टाफ को बांटने के लिए डिमांड की गई । एनओसी देने के लिए बार-बार चक्कर कटवाने तथा पैसे की डिमांड किया जाने पर 14 अक्टूबर को और 22 अक्टूबर को 10-10 हजार रूपए पहले ही क्लर्क के द्वारा वसूल किए जा चुके थे ।  आरोप अनुसार पीडब्ल्यूडी बी एंड आर पटौदी कार्यालय के क्लर्क आजाद के द्वारा एनओसी देने से पहले बकाया 25000 के भुगतान की शर्त रखी गई ।

इसके बाद में विक्रम शर्मा पुत्र दौलत राम के द्वारा विजिलेंस विभाग गुरुग्राम में पूरे मामले की जानकारी देते हुए लिखित में शिकायत दी गई। इसके बाद विजिलेंस विभाग के डीएसपी सत्येंद्र सिंह के नेतृत्व में पी डब्ल्यूडी बी एंड आर पटौदी कार्यालय में रिश्वत लेने वालों को रंगे हाथ पकड़ने की रणनीति तैयार कर विजिलेंस विभाग के द्वारा दो हजार तथा 500 के नोट उपलब्ध करवाए गए। एनओसी के लिए जैसे ही पटौदी पीडब्ल्यूडी कार्यालय में विजिलेंस विभाग के द्वारा दिए गए विशेष नोट ऑफिस में मौजूद क्लर्क आजाद ने पकड़े और मौके पर ही मौजूद जेई ईश्वर को उसमें से आधे रुपए सौंपे तो दोनों के द्वारा अपने अपने हिस्से की घूस में ली गई रकम को गिनते हुए विजिलेंस की टीम के द्वारा रंगे हाथ दबोच लिया गया, यह पूरा मामला सोमवार देर सायं का है ।

इसके बाद में गुरुग्राम कोर्ट में जेएमआईसी मजिस्ट्रेट आजाद सिंह की कोर्ट में दोनों आरोपियों को विजिलेंस के द्वारा साक्ष्यों के साथ पेश किया गया। पीड़ित विक्रम शर्मा के द्वारा दी गई शिकायत के मुताबिक और घूस की रकम लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने पर विजिलेंस के द्वारा कोर्ट से अनुरोध किया गया कि आरोपी जेई ईश्वर के द्वारा पहले लिए गए रिश्वत के रुपए वसूल करने हैं, ऐसे में एक से अधिक दिन की रिमांड दी जाए। लेकिन कोर्ट के द्वारा एक ही दिन की रिमांड पर जेई ईश्वर को पूछताछ के लिए विजिलेंस को एक दिन की रिमांड पर ही दिया गया। बुधवार को रिमांड अवधि पूरी होने पर कोर्ट में पेश किया जाने के बाद आरोपी जेई ईश्वर को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए गए।

क्या एसडीई पर भी गिरेगी गाज
पटौदी पीडब्ल्यूडी बी एंड आर विभाग के ऑफिस में घटित इस घूसखोरी कांड को तथा पीड़ित विक्रम शर्मा के द्वारा विजिलेंस में दी गई शिकायत को देखा जाए तो ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीई पर भी विजिलेंस का शिकंजा पूछताछ के लिए कसा जाएगा। सूत्रों के और पीड़ित विक्रम शर्मा के मुताबिक विजिलेंस को दी गई शिकायत में बताया गया है कि पटौदी कार्यालय में क्लर्क आजाद के द्वारा एनओसी की एवज में जो घूस की मांग की गई उसमें 20000 विभाग के एसडीई, 20000 जेई तथा बाकी रकम अन्य स्टाफ के बीच में बांटने की बात कही गई थी । फिलहाल समाचार लिखे जाने तक इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं मिल सकी कि एक दिन की रिमांड के दौरान आरोपी जेई के द्वारा विजिलेंस जांच टीम को क्या क्या जानकारी दी गई और क्या कुछ बताया गया है।

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