वन रजिक विभाग हेलीमंडी के द्वारा प्रतियोगिता का आयोजन.
छात्राओं को ऑक्सीवन नीरवन और तपोवन के विषय में दी जानकारी.
ग्रामीण क्षेत्र की छात्राओं के प्रकृति संरक्षण प्रेम-नॉलेज ने चौंकाया

फतह सिंह उजाला

पटौदी । कोरोना कॉविड 19 जैसी महामारी की दूसरी लहर में प्राणवायु ऑक्सीजन की जीव के लिए क्या इंपोर्टेंस है और ऑक्सीजन के क्या स्त्रोत उपलब्ध हैं । किस प्रकार से ऑक्सीजन को प्राप्त किया जा सकता है, इस कटु अनुभव और कभी नहीं भूलने वाली घटना को मौजूदा पीढ़ी अपने जीवन में कभी नहीं भुला सकेगी । इन्हीं सब बातों को केंद्र में रखते हुए वन रजिक विभाग हेलीमंडी के द्वारा पटौदी विधानसभा क्षेत्र के हेलीमंडी नगरपालिका इलाके के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हेली मंडी और नव ज्योति हाई स्कूल जाटोली में प्रकृति संरक्षण पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया।

वन रजिक विभाग हेलीमंडी के द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में विशेष रूप से ग्रामीण अंचल की छात्राओं के प्रकृति संरक्षण नॉलेज और विभिन्न किस्मों के पेड़ पौधों सहित उनके क्या कुछ किस प्रकार के लाभ दैनिक जीवन में उपलब्ध हैं हो रहे हैं , इस प्रकार की छात्राओं के द्वारा साझा की गई जानकारी ने वन रजिक विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ मेजबान स्कूल के अध्यापक वर्ग को भी निश्चित ही चौकाने का काम किया। वैसे भी समय-समय पर विभिन्न स्कूलों में पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहते हैं ।

मंगलवार को वन रजिक विभाग हेली मंडी के द्वारा प्रकृति संरक्षण प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हेली मंडी की छात्रा रेनू ,दिव्या और श्रेया क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रही । इसी प्रकार से नव ज्योति हाई स्कूल जाटोली में संपन्न प्रकृति संरक्षण प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में छात्रा खुशी, मुस्कान और प्रियंका क्रमशः पहले दूसरे और तीसरे स्थान पर रही । सभी विजेता छात्राओं को वन रजिक अधिकारी नरेंद्र धनखड़ के द्वारा समृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत करते हुए प्रोत्साहित किया गया । इस मौके पर राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हेली मंडी के प्रिंसिपल ब्रह्म प्रकाश में भी छात्राओं का आह्वान किया कि प्रकृति के संतुलन के लिए जिस प्रकार से कन्या अथवा लड़की का प्रकृति  में अपना विशेष महत्व है , उसी प्रकार से पेड़ पौधों के बिना प्रकृति का संतुलन और जीवन असंभव है । विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे मानव जीवन के लिए उपयोगी ही नहीं जीवनदायी भी साबित हो रहे है।ं पीपल बड तुलसी सदाबहार जैसे और भी अनेक पौधे औषधीय पौधों की श्रेणी में शामिल है।

इसी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के मौके पर विभिन्न छात्राओं के द्वारा बताया गया की भारतीय संस्कृति में वर्ष में कई त्योहार ऐसे भी आते हैं , जब पौधों के बीजों का रोपण किया जाता है या फिर विशेष रुप से पौधों की पूजा भी की जाती है । त्रिवेणी का मानव जीवन और प्रकृति संतुलन में सबसे अधिक महत्व है । पीपल के पौधे की प्रतिदिन पूजा की जाती है । कई छात्राओं ने तो यहां तक बताया कि पहली नजर में खरपतवार महसूस किए जाने वाले छोटे-छोटे पेड़ पौधे वास्तव में औषधीय गुणों का खजाना होते हैं । उदाहरण के तौर पर नीम का पौधा और इसके पत्ते कई प्रकार के चर्म रोग के उपचार के लिए काम आते हैं ।

इसी मौके पर स्थानीय बन रजिक अधिकारी नरेंद्र धनखड़ ने बताया की हरियाणा सरकार के द्वारा आक्सीवन, नीर वन और तपोवन जैसी परियोजनाएं चलाई जा रही हैं । इस प्रकार की परियोजनाओं का एक ही उद्देश्य है की धरातल पर वन क्षेत्र परिसर को अधिक से अधिक बढ़ाया जा सके । हरियाणा सरकार के द्वारा ही विभिन्न स्थानों पर नर्सरी में तैयार किए गए विभिन्न किस्मों के पौधे निशुल्क वितरित किए जाते हैं। इसी मौके पर उन्होंने हरियाणा वन विभाग की विभिन्न परियोजनाओं के विषय में भी छात्रों को विस्तार से जानकारी देते हुए अधिक से अधिक पौधारोपण करने और इनके पालन पोषण किया जाने का आह्वान भी किया।

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