विजिलेंस टीम ने सोमवार को नोट गिनते दबोचा था दो कर्मचारियों को.
एनओसी ले पहले ही ले लिए थे 10-10 हजार 14 और 22 अक्टूबर को.
25000 रूपए सोमवार को एनओसी देने से पहले घूस में वसूले गए.
समाचार लिखे जाने तक जेई ईश्वर के रिमांड कि नहीं हो सकी पुष्टि

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
पटौदी सबडिवीजन कोर्ट और पटौदी के एमएलए ऑफिस के बराबर में ही मौजूद पी डब्ल्यू ई बी एंड आर ऑफिस में 25000 हजार रूपए रिश्वत के आपस में गिनते हुए रंगे हाथ सोमवार को विजिलेंस के द्वारा दो कर्मचारियों को दबोचा गया था । वेयरहाउस के वास्ते एसीएलयू के लिए एनओसी जारी करने की एवज में आवेदक विक्रम शर्मा पुत्र दौलत राम निवासी बोहड़ाकला से विभाग के संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के द्वारा एनओसी देने की एवज में 50000 की मांग की गई । अंततः यह पूरा मामला 45000 में फाइनल किया गया।

सोमवार देर सायं गुरुग्राम विजिलेंस के डीएसपी सत्येंद्र सिंह के नेतृत्व में बिछाई गए जाल के मुताबिक विभाग के ही कार्यालय में जब संबंधित जेई ईश्वर और र्क्लक आजाद ने घूस की बकाया रकम  25000 रूपए लेकर आपस में बांटते हुए जैसे ही गिनना आरंभ किया, तो मौके पर ही मौजूद विजिलेंस की टीम ने दोनों को रंगे हाथ दबोच लिया । दोनों आरोपियोंके हाथ पानी सेधुलवाने पर लाल हो गए तथा चेहरा सफेद हो गया। विजिलेंस के द्वारा की गई रेड तथा दोनो कर्मचारियों के द्वारा सरकारी आफिस में नोट आपस में बांट कर गिनने और इनसे बरामद किया जाने की घटना को साक्ष्य के तौर पर विजिलेंस की टीम के द्वारा मोबाइल में रिकार्ड किया जाना भी बताया गया है।

सूत्रों के मुताबिक इस पूरे प्रकरण में रिश्वतखोर अधिकारी और र्क्लक के खिलाफ गुरुग्राम मुख्यालय पर ही विजिलेंस के द्वारा मामला दर्ज किया गया । इसके बाद मंगलवार को दोनों आरोपियों को गुरुग्राम कोर्ट में पेश किया गया । कोर्ट में पीड़ित विक्रम शर्मा के बयान भी दर्ज किए गए । इसी मौके पर विजिलेंस के द्वारा पी डब्लू ई बी एंड आर पटौदी कार्यालय के जेई ईश्वर की रिमांड की मांग की गई । इसका मुख्य कारण एनओसी जारी करने की एवज में पहले ही ले लिए गए 20000 रूपए की रिकवरी किया जाना विजिलेंस के द्वारा कोर्ट में बताया गया । सूत्रों के मुताबिक पी डब्ल्यू ई बी एंड आर पटौदी कार्यालय के अधिकारी ईश्वर और र्क्लक आजाद के द्वारा मिलकर 10000 बीते 14 अक्टूबर को और 10000 फिर बीते 22 अक्टूबर को पहले ही ले लिए गए थे । इसके बाद में बकाया रकम 25000 के भुगतान किया जाने की शर्त के बाद ही एनओसी देने की बात कही गई । बार-बार चक्कर कटवाने और रिश्वत मांगने से परेशान होकर विक्रम शर्मा पुत्र दौलतरम के द्वारा गुरुग्राम विजिलेंस विभाग में इस पूरे मामले की शिकायत की गई। शिकायत और मामले की गंभीरता को देखते हुए विजिलेंस विभाग की टीम ने रिश्वत मांगने वालों को रंगे हाथ दबोच ने के लिए अपनी योजना के मुताबिक पूरा जाल तैयार किया । सोमवार को रिश्वत की रकम लेने वाले और पहले भी इसी मामले में 20000 वसूल कर चुके दोनों कर्मचारियों को विजिलेंस के डीएसपी सत्येंद्र सिंह के नेतृत्व में की गई कार्रवाई में रंगे हाथ पी डब्ल्यू ई बी एंड आर ऑफिस में ही दबोच लिया गया ।

सूत्रों से उपलब्ध जानकारी के मुताबिक मंगलवार देर सायं समाचार लिखे जाने तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी कि विजिलेंस की मांग पर पी डब्ल्यू ई विभाग के अधिकारी जेई ईश्वर को विजिलेंस के रिमांड पर कोर्ट के द्वारा सौंपा गया अथवा नहीं । जबकि कथित रूप से र्क्लक आजाद की विजिलेंस के द्वारा रिमांड की मांग नहीं की गई । ऐसे में सूत्रों के दावे के मुताबिक सोमवार से पहले अक्टूबर माह में जो 20000 रिश्वत के लिए गए ,वह निश्चित ही विभाग के जेई ईश्वर के द्वारा ही लिए गए हो सकते हैं और यही ठोस कारण भी रहा कि गुरुग्राम कोर्ट में विजिलेंस के द्वारा जेई ईश्वर की रिमांड की मांग की गई । जिससे कि रिश्वत के पहले से ही लिए जा चुके 20000 रूपए की वसूली की जा सके।

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