खाद की कमी को लेकर किसानों में रोष और आक्रोश, सरकार की अकर्मण्यता, असंवेदनहीनता : चन्द्र मोहन

पंचकूला 23 अक्टूबर- हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने कहा कि प्रदेश में डी ए पी खाद की कमी को लेकर जिस प्रकार से कोहराम मचा हुआ है और किसानों में रोष और आक्रोश की भावना परिव्याप्त है इससे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार की अकर्मण्यता और असंवेदनहीनता की स्पष्ट झलकती है। खाद की किल्लत को लेकर प्रदेश में किसानों द्वारा जगह- जगह रास्ता रोका जा रहा है और खाद की मांग पूरी करने को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है। ‌

उन्होंने कहा कि खाद की किल्लत को लेकर आज भी किसानों द्वारा नांगल चौधरी में जाम लगाया गया और पुलिस और किसानों के बीच झड़प भी हुई है । उन्होंने आरोप लगाया कि खाद की किल्लत जान बुझ कर किसानों को सज़ा देने के रूप में की जा रही है क्योंकि हरियाणा के किसानों ने केन्द्र सरकार द्वारा पास किए गए तीनों काले कृषि कानूनों का विरोध किया है और इसी की सजा उन्हें सारा दिन पर लम्बी लम्बी लाइनों में खड़े हो कर भुगतनी पड़ रही है ‌।

चन्द्र मोहन ने, कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल के उस दावे को कपोल कल्पित बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि हरियाणा प्रदेश में डी ए पी खाद की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि वे कृषि मंत्री से पूछना चाहते हैं कि क्या वह दो घंटे किसानों के साथ उस लाइन में खड़े हो कर दिखाएंगे, जहां किसान दिन भर भूखे प्यासे लाइनों में खड़े हो कर सायं खाली हाथ घर लौटकर सरकार के साथ साथ अपने भाग्य को भी कोसते हैं।
चन्द्र मोहन ने कहा कि हरियाणा सरकार के कुप्रबंधन और अव्यवस्था का आलम यह है कि किसानों के पास खून के आंसू पीने के सिवाय कोई चारा नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि बेमौसमी बारिश से अधिकांश किसानों की कपास की 50 प्रतिशत से अधिक फसल बर्बाद हो गई और धान की फसल खेतों में गिरकर बर्बाद हो गई, लेकिन सरकार गिरदावरी के नाम पर भोले-भाले किसानों को भ्रमित करके उनको मरने के लिए विवश कर रही है। उन्होंने सरकार से मांग कि है कि जिन किसानों की कपास और धान की फसल बर्बाद हो गई है उनको 50 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से तुरंत ही मुआवजा प्रदान किया जाए।

उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग कि है कि खाद की किल्लत को दूर करने के लिए तत्काल ही प्रभावी कदम उठाए जाएं अन्यथा कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ मिलकर सरकार की नाकामियों के खिलाफ सड़क पर उतर कर किसानों के साथ हो रहे अन्याय का डटकर विरोध करेगी।

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