भिवानी, 21 अक्तूबर। पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने केंद्र सरकार द्वारा ड्राफ्ट रिजनल प्लान 2021 के तहत दिल्ली-एनसीआर का दायरा घटाएं जाने के फैसले की आलोचना करते इस पर पुनर्विचार करने की मांग की हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वर्ति कांग्रेस सरकार में कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी से विशेष अनुरोध के बाद दक्षिण हरियाणा के भिवानी, महेंद्रगढ़ और दादरी जैसे जिले एनसीआर में शामिल किये गए थे ताकि भौगोलिक रूप से पिछड़े इन जिलों को विकास के पंख लगाए जा सके। लेकिन अब सत्ता में बैठे केंद्र व प्रदेश सरकार के राजनेताओं की उदासीनता के चलते ये क्षेत्र एनसीआर ज़ोन से बाहर हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद केन्द्र व प्रदेश सरकार का दक्षिण हरियाणा विरोधी चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया हैं। कांग्रेस सरकार में एनसीआर के अंतर्गत आने से यहाँ की जनता में एक उम्मीद जगी थी क्योंकि प्रदेश सरकार के अलावा क्षेत्र के विकास मे अहम योगदान एनसीआर बोर्ड से भी किया जाना होता है। जिससे की एनसीआर की सीमा में शामिल शहर और कस्बे कनेक्टिंग एक्सप्रेसवे, नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे या रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम जैसी योजनाओं से जुड़ सके है। लेकिन भाजपा सरकार नहीं चाहती की देश तरक्की करे और विकास की पटरी पर दौड़े। उन्होंने कहा की भिवानी जिले में चौधरी बंसीलाल, चौ. सुरेंद्र व श्रीमती किरण चौधरी ने विकास के नए आयाम स्थापित किये थे। पहले सरकार ने खेल विश्वविद्यालय, मैडिकल कॉलेज जैसी योजनाओं को लटकाने का काम किया है और अब भिवानी-महेंद्रगढ़ को एनसीआर से बाहर का यहां की जनता के साथ विश्वासघात किया जा रहा है। Post navigation जेजेपी पार्टी को लगा बड़ा झटका ……. खट्टर सरकार को किसानों से कोई लेना देना नहीं, ग्यारह माह से सड़को पर बैठे है किसान : राकेश चांदवास