लखबीर सिंह हत्याकांड का सच सामने लाने के लिए आवश्यक है कि इस नृशंस हत्याकांड की स्वतंत्र-निष्पक्ष जांच सुप्रीम कोर्ट कीे निगरानी में हो ताकि इस हत्याकांड के पीछे छुपा सच सामने आ सके : विद्रोही 20 अक्टूबर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मांग की कि सिंघु बार्डर किसान आंदोलन स्थल के पास पंजाब के दलित युवक लखबीर सिंह की नृशंस हत्या का सच सामने आना चाहिए, इसके लिए आवश्यक है कि इस नृशंस हत्याकांड की निष्पक्ष-स्वतंत्र जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो। विद्रोही ने कहा कि दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या करने वाले आरोपी निहंग पकडे भी गए और उन्होंने हत्या करना स्वीकार भी कर लिया है। पर इतने मात्र से इस नृशंस हतयाकांड का सच सामने आने से रहा। सवाल उठता है कि नशे का आदी, आर्थिक रूप से तंगहाल युवक लखबीर सिंह पंजाब के तरनतारन से सिंघु बार्डर आया कैसे? उसे पंजाब से सिंघु बार्डर तक कौन और किसलिए लाया? वह निहंगों के साथ क्यों ठहरा हुआ था? विद्रोही ने कहा कि अब यह तथ्य भी उजागर हो गया कि जुलाई माह में निहंग प्रमुख बाबा अमन सिंह की दिल्ली में केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी की कोठी पर किसान आंदोलन के संदर्भ में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर से गुप्त बैठक भी हुई थी। सवाल उठता है कि एक पत्रकार द्वारा लखबीर सिंह हत्याकंाड के बाद इस गुप्त बैठक पर पर्दा उठाने से पहले निहंगों-भाजपा व केन्द्रीय कृषि मंत्री द्वारा इस बैठक के बारे में मीडिया को क्यों नही बताया गया व बैठक को गुप्त क्यों रखा गया? विद्रोही ने कहा कि अभी तक तो किसान आंदोलन के संदर्भ ंमे पंजाब के या देश के किसी भी किसान संगठन या धार्मिक व सामाजिक, राजनीतिक नेता ने कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर से मुलाकात की तो भाजपा व मोदी सरकार की ओर से उसका व्यापक प्रचार हुआ है। पर निहंग प्रमुख बाबा अमन सिंह की बैठक को गुप्त क्यों रखा गया? इस बैठक के बाद निहंगों द्वारा दलित युवक लखबीर सिंह की गुरूग्रंथ साहिब की बेअदबी के नाम पर सिंघु बार्डर पर की गई हत्या के बाद कई सवाल खड़े होने स्वभाविक है। यह प्रश्न मौजू है कि निहंग प्रमुख व कृषि मंत्री की गुप्त बैठक का इस हत्या से कोई सम्बन्ध है या नही? विद्रोही ने कहा कि इस यक्ष प्रश्न का जवाब न तो हरियाणा पुलिस तलाश सकती है और न ही सीबीआई क्योंकि दोनो की जांच पर किसी को भरोसा नही। वे तो वहीं कहेंगे जो उनके संघी आका चाहते है। ऐसी स्थिति में लखबीर सिंह हत्याकांड का सच सामने लाने के लिए आवश्यक है कि इस नृशंस हत्याकांड की स्वतंत्र-निष्पक्ष जांच सुप्रीम कोर्ट कीे निगरानी में हो ताकि इस हत्याकांड के पीछे छुपा सच सामने आ सके। Post navigation ऐलनाबाद उपचुनाव: राजनैतिक दलों की प्रतिष्ठा का प्रश्न….. महर्षि वाल्मीकि को नमन कर मुख्यमंत्री ने की प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना