-पात्रता सूची में नाम चेक करने के लिए नजदीकी सीएससी अथवा आशा वर्कर से संपर्क करें गुरुग्राम,15 अक्तूबर। जिला में आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए आयोजित आयुष्मान भारत पखवाड़े की अवधि को 15 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है। जिन योग्य लाभार्थियों ने अभी तक अपने आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाए हैं, वे 15 नवंबर तक अपने कार्ड अवश्य बनवा लें। जिला उपायुक्त डॉ यश गर्ग ने बताया कि गुरुग्राम जिला में 15 सितंबर से जारी आयुष्मान भारत पखवाड़े के तहत अभी तक 1749 लाभार्थियों के कार्ड बनाये गए हैं लेकिन अभी भी जिला में ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां लोग आयुष्मान कार्ड बनवाने में रूचि नहीं ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत हरियाणा हेल्थ प्रोटेक्शन ऑथोरिटी ने उपरोक्त विषय को ध्यान में रखते हुए पखवाड़े की अवधि को 15 नवंबर तक बढ़ा दिया है। डॉ गर्ग ने जिला के ग्रामीण अंचल के नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांवों में शिविर लगाकर आयुष्मान कार्ड बनाने का काम किया जा रहा है। आप सभी सरकार की इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं। आयुष्मान कार्ड बनवाने की पात्रता स्वास्थ्य विभाग के उप सिविल सर्जन डॉ नरेश गर्ग ने बताया कि जिन नागरिकों का सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना 2011 के आधार पर बनी लाभार्थियों की सूची में नाम है, वे गांवों में आयोजित किए जा रहे कैम्प अथवा अपने नजदीकी सीएससी केंद्र पर जाकर अपना आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि लाभार्थियों के नाम की सूची सभी सीएससी केंद्रों व आशा वर्कर्स को उपलब्ध करवायी गयी है। डॉ गर्ग ने बताया आयुष्मान भारत कार्ड बनाने के लिए गांवों में आयोजित सभी शिविरों में आशा वर्कर्स व आयुष्मान मित्रों की मदद ली जा रही है। इसके साथ ही नागरिक अस्पताल गुरुग्राम, सोहना व पटौदी में भी इसके लिए विशेष केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी नागरिक को आयुष्मान भारत कार्ड से संबंधित कोई समस्या होने पर टोल फ्री नंबर 1800-1800-4444 पर या नागरिक अस्पताल में स्थित आयुष्मान भारत पूछताछ केंद्र से संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने कहा की आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए आवेदनकर्ता के पास राशन कार्ड, फैमिली आईडी व आधार कार्ड आदि दस्तवेज होने आवश्यक है। Post navigation विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं से हरियाणा राज्य स्तरीय महिला पुरस्कारों के लिए आवेदन आमंत्रित -डीसी 1947 के विभाजन का दर्द – बुजुर्गों की जुबानी