गुरुग्राम, 14 अक्टूबर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा 2 अक्टूबर से 14 नवम्बर, 2021 तक शुरू किए गए अभियान ’’आजादी का अमृत महोत्सव’’ के अनुसरण में हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, पंचकुला के प्रशासनिक भवन में हरियाणा के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट्स-एवं-सचिवगण के साथ एक दिवसीय परामर्श कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस परामर्श कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय न्यायमूर्ति श्री राजन गुप्ता, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायाालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया गया।

आज के इस परामर्श कार्यक्रम का आयोजन हालसा द्वारा ’’आजादी का अमृत महोत्सव’’ के तहत विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा के लिए किया गया था। नालसा के दिशा-निर्देशों के अनुसार इस अभियान के दौरान कम से कम तीन बार सभी गांवों को कवर करने के लिए प्रभावी रणनीतियों पर चर्चा की गई और एक दूसरे के साथ साझा किया गया।

हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने लैंगिक समानता पर एनिमेटेड क्लिप और मध्यस्थता पर एक रेडियो/पब्लिसिटी जिंगल भी लॉन्च किया है, जो सभी कानूनी जागरूकता शिविरों, सेवा शिविरों, स्कूलों, कॉलेजों और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों द्वारा बड़ी संख्या में जनसंख्या तक पहुंचने के उद्देश्य से चलाया जाएगा।

अपने भाषण के दौरान, माननीय न्यायमूर्ति ने यह भी साझा किया कि कानूनी सेवा प्राधिकरणों का काम केवल कानूनी सहायता प्रदान करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कानूनी सेवाओं की अवधारणा के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना भी है। समाज में रहने वाले बहुत से लोग अभी भी कानूनी सेवा प्राधिकरणों के कामकाज से अन्जान हैं, खासकर वे जो राज्य के दूरदराज और आंतरिक हिस्सों में रह रहे हैं। माननीय न्यायमूर्ति ने आगे कहा है कि व्यक्तियों तक पहुंचने और हर संभव तरीके से उनकी मदद करने के लिए पैन इंडिया अवेयरनेस के माध्यम से कानूनी सेवा संस्थानों को यह सबसे अच्छा मंच दिया गया है। माननीय न्यायमूर्ति ने टैक्नोलॉजी के उपयोग पर भी जोर दिया जो आज की दुनिया में अधिकतम लोगों तक पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

इस सम्बन्ध में हालसा द्वारा एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गयी है, जिसमें मेगा और माईक्रो सर्विस डिलीवरी कैंप, कानूनी जागरूकता/कानूनी सहायता शिविर, महत्वपूर्ण दिनों पर विशेष अभियान, हाईब्रिड मोड के माध्यम से तत्काल कानूनी सहायता शिविर, मेलों में कानूनी सहायता स्टॉलों, स्कूलों/कॉलेजों में प्रदर्शनी, प्रतियोगिताएं, मोबाइल वैन के माध्यम से जागरूकता, घर-घर अभियान और कई अन्य गतिविधियों के माध्यम से पूरे अभियान में की जाने वालीे विभिन्न गतिविधियों की गणना की गई है।

अब तक हरियाणा में कानूनी सेवा प्राधिकरणों ने 3,992 गांवों को कवर किया, जो पिछले 12 दिनों में हरियाणा के कुल गांवों का 60 प्रतिशत से अधिक है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा 2,896 कानूनी जागरूकता/कानूनी सहायता शिविर आयोजित किए गए। कुल 1,64,927 प्रतिभागियांें में से 60,548 व्यक्तियों को हाईब्रिड मोड के माध्यम से तत्काल कानूनी सहायता प्रदान की गई।
6 मेगा सर्विस कैंप और 104 माईक्रो सर्विस कैंप सहित विभिन्न सरकारी विभागों के सहयोग से सेवा शिविर आयोजित किए गए, जिसमें राज्य भर में 19,620 और 4,524 व्यक्ति लाभान्वित हुए।

गांवों में घर-घर जाकर दौरा किया गया, जिसके लिए विधिक सेवा प्राधिकरणों ने 371 टीमों का गठन किया है, जिन्होंने 22,058 ग्रामीणों से बातचीत की और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया।

लोगों को कानूनी सेवाओं की अवधारणा के बारे में शिक्षित करने के लिए मेलों में 114 कानूनी सहायता डेस्क स्थापित किए गए थे और इन हेल्प डेस्कों के माध्यम से 3,407 व्यक्तियों को कानूनी सहायता प्रदान की गई थी।

हरियाणा में मोबाइल वैन के माध्यम से कानूनी जागरूकता पैदा की जा रही है और 13,948 लोगों को जागरूक किया गया है।

शिक्षा विभाग, हरियाणा के सहयोग से, हरियाणा के स्कूलों/कॉलेजों में 482 प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिनमें 25,131 छात्रों ने भाग लिया।

विधिक सेवा प्राधिकरण भी प्रदर्शनियों के माध्यम से जागरूकता फैला रहे हैं। अब तक कुल 25 प्रदर्शनियाँ आयोजित की जा चुकी हैं और इसमें 6,696 लोगों ने दौरा किया है।

हरियाणा के विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा ’’सभी के लिए न्याय तक पहुंच’’ के उद्देश्य को पूरा करने और पैन इंडिया अवेयरनेस के माध्यम से हरियाणा के प्रत्येक गांव को कवर करने के लिए कई और गतिविधियाँ संचालित की जा रही है।

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