– सीएम श्री मनोहर लाल ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में दिए निर्देश गुरुग्राम, 14 अक्तूबर। गुरूग्राम जिला में पिछले दिनों बरसात से टूटी सभी सड़कों की मरम्मत का कार्य 30 नवंबर तक पूरा किया जाएगा। ऐसे आदेश मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चण्डीगढ़ मुख्यालय से सभी मण्डलायुक्तों तथा उपायुक्तों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए हैं। इस बैठक में प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला तथा कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल के साथ सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी चण्डीगढ़ में उपस्थित रहे। इस बैठक मंे मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से प्रदेश के सभी जिलों में खेतों में हुए जल भराव वाले क्षेत्रों से पानी की निकासी जल्द से जल्द करवाने, पराली जलाने पर अंकुश लगाने, किसानों को समय पर खाद उपलब्ध करवाने, सड़कों की मरम्मत समयबद्ध तरीके से करवाने आदि विषयों पर चर्चा की और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। गुरूग्राम जिला में बरसात के दौरान सड़के टूटने के विषय पर बैठक में चर्चा की गई। इस पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सड़क निर्माण करने वाली सभी ऐजेंसियां अपना शिड्यूल तैयार करके 30 नवंबर तक सभी टूटी सड़को की मरम्मत करवाना सुनिश्चित करें। बताया गया कि गुरूग्राम जिला में लोक निर्माण विभाग तथा हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने सड़कों की मरम्मत का कार्य शुरू कर रखा है। जिला में कृषि विपणन बोर्ड की लगभग 234 किलोमीटर लंबाई की 88 सड़कें हैं, जिनमें से लगभग 50 किलोमीटर लंबाई की 23 सड़कांे पर मेजर रिपेयर अर्थात् बडे़ स्तर पर मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग ने भी अपने विभाग से संबंधित सड़को पर मरम्मत का कार्य शुरू कर रखा है। गुरूग्राम जिला में लोक निर्माण विभाग की 36.82 किलोमीटर लंबाई के स्टेट हाईवे, 20.19 किलोमीटर लंबाई की मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड़ तथा लगभग 192 किलोमीटर लंबाई की अदर डिस्ट्रिक्ट रोड़ हैं। इन सभी पर मरम्मत का कार्य शुरू किया जा चुका है जिसको 15 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। बैठक में बताया गया कि गुरूग्राम जिला में वर्तमान मंे कहीं भी जलभराव नहीं है और ना ही जिला में किसी भी क्षेत्र से पराली जलाने की शिकायतें मिली हैं। किसानों को समय पर खाद उपलब्ध करवाने के विषय पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, उपायुक्त अपने जिला में खाद की मांग के बारे में मुख्यालय को सूचित करें, वहां पर खाद पहुंचा दी जाएगी। गुरूग्राम जिला के बारे में बताया गया कि जिला में 376 मीट्रिक टन डीएपी, 3 मीट्रिक टन एनपीके तथा 288 मीट्रिक टन एसएसपी खाद उपलब्ध है। पराली जलाने के विषय में बताया गया कि इसकी मोनीटरिंग सैटेलाईट से हो रही है और जिस भी जिला में पराली जलाई जाती है उसकी सैटेलाईट इमेजरी संबंधित उपायुक्त को भेजी जा रही है। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि सैटेलाईट इमेजरी प्राप्त होते ही तुरंत कार्यवाही करें। उन्होंने यह भी कहा कि पराली जलाने के मामलों पर एनजीटी तथा उच्चतम न्यायालय भी बराबर नजर रखे हुए है। इस अवसर पर गुरूग्राम में मण्डलायुक्त राजीव रंजन, उपायुक्त डा. यश गर्ग, गुरूग्राम की एसडीएम अंकिता चौधरी, बादशाहपुर के एसडीएम सतीश यादव, कृषि विपणन बोर्ड की क्षेत्रीय प्रशासक मीतु धनखड़, खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक मोनिका मलिक, लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता संदीप सिंह वधावन व पुनीत भी उपस्थित थे। Post navigation खरीफ फसलों के पंजीकरण हेतु फिर से खोला गया ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल’ गुरुग्राम मंडलायुक्त की अध्यक्षता में विश्व दृष्टि दिवस पर नेत्र जांच अभियान की समीक्षा बैठक आयोजित