बाजरे की खरीद, अत्याधिक बारिश और जलभराव से नष्ट फसलों की गिरदावरी पर उठाए सवाल

चरखी दादरी/भिवानी जयवीर फोगाट

10 अक्तूबर,सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है लेकिन मौजूदा लाचार और कमजोर जनप्रतिनिधियों का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। यह बात भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने आज यहां प्रेस को जारी बयान में कही। उन्होंने कहा कि भिवानी और महेंद्रगढ़ जिले में मौजूदा भाजपा सांसद के साथ छह भाजपा और एक जजपा विधायक हैं पर उनमें से किसी में हिम्मत नहीं है कि वे लोगों की आवाज सरकार तक पहुंचा सकें।

उन्होंने कहा कि किसान बाजरे की फसल बेचने के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं परंतु उनकी कोई सुनने को राजी नहीं है।पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला बार-बार बाजरे की फसल का एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदने की बात कहते रहे हैं लेकिन आज जब किसान का बाजरा मंडी में आ गया है तो उसे खरीदने वाला कोई नहीं मिल रहा है। हरियाणा सरकार ने खरीद से हाथ खड़े कर दिए हैं और किसानों को महज छह सौ रुपए भावान्तर देने का बात कह रही है जो नाकाफी है और उसमें भी कई शर्तें जोड़ दी हैं। उन्होंने कहा कि किसान को कम से कम एक हजार रुपए प्रति क्विंटल भावान्तर बिना शर्त के मिलना चाहिए ताकि उसको आर्थिक नुकसान ना झेलना पड़े।

उन्होंने कहा कि अत्याधिक बारिश और जलभराव के कारण सैकड़ों गांवों में किसानों की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। सरकार ने स्पेशल गिरदावरी के आदेश जारी कर दिए हैं लेकिन उसमें भी बड़ा घालमेल है। उनके अनुसार उन सब किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए जिनकी फसल चाहे अत्याधिक बारिश से बर्बाद हुई हों या जलभराव के कारण हुई हों। 

उन्होंने कहा कि किसान और मजदूर पहले ही तीनों काले कानूनों को लेकर पिछले साढ़े दस महीने से आंदोलन कर रहे हैं पर दुर्भाग्य है कि हठधर्मी सरकार उनकी एक नहीं सुन रही है। उन्होंने कहा कि अब किसानों पर अत्याधिक बारिश और जलभराव ने बड़ी मार मारी है। सरकार ने अगर मुआवजा देने में किसानों के साथ ज्यादती की तो कांग्रेस पार्टी चुप नहीं बैठेगी और सड़कों पर उतरकर संघर्ष करने को मजबूर होगी।

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