सरकार वास्तव में एम्स निर्माण के प्रति गंभीर है तो 13 अक्टूबर की प्रस्तावित बैठक में माजरा गांव के किसानों द्वारा स्वेच्छा से से पार्टल पर दी गई जमीन का मुआवजा समझौते अनुसार 40 लाख रूपये प्रति एकड़ उसी दिन सम्बन्धित किसानों के बैंक खातों में डालकर जमीन का कब्जा ले।
रेवाड़ी , 10 अक्टूबर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि भाजपा खट्टर सरकार मीडिया में बयान देकर दावा कर रही है कि वह रेवाड़ी के मनेठी-माजरा एम्स निर्माण मामले में गंभीर है और इसकेे लिए उसने 13 अक्टूबर को चंडीगढ़ में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। विद्रोही ने मांग की कि यदि सरकार वास्तव में एम्स निर्माण के प्रति गंभीर है तो 13 अक्टूबर की प्रस्तावित बैठक में माजरा गांव के किसानों द्वारा स्वेच्छा से से पार्टल पर दी गई जमीन का मुआवजा समझौते अनुसार 40 लाख रूपये प्रति एकड़ उसी दिन सम्बन्धित किसानों के बैंक खातों में डालकर जमीन का कब्जा ले। वहीं भाजपा सरकार अपनी गंभीरता दिखाने के लिए कथनी-करनी एक करने खातिर 13 अक्टूबर की प्रस्तावित बैठक में एम्स निर्माण के प्रति एक समय अवधि के साथ हर काम को पूरा करने का कलेंडर भी बताये। सरकार गंभीर है, यह कहने मात्र से काम नही चलने वाला अपितु सरकार की गंभीरता धरातल पर दिखनी भी चाहिए।
विद्रोही ने कहा कि एम्स निर्माण मुद्दे का 6 वर्ष का अनुभव अहीरावल के लोगों के लिए बड़ा कटु रहा है। विगत 6 साल में सरकार ने एम्स निर्माण के प्रति गंभीर होने की कई बार दुहाई देकर जल्द एम्स निर्माण की आशा जगाई। पर हर बार लोगों की आशा निराशा में ही नही बदली अपितु सरकार की कथनी-करनी ओर नीयत पर भी नये-नये सवाल खड़े हुए है। भाजपा सरकार ने विगत 6 सालों में एकबार भी मनेठी-माजरा एम्स निर्माण के लिए गंभीरता नही दिखाई। उल्टा सरकार का रवैया उदासीन व टरकाऊ रहा। सरकार ने एम्स निर्माण के प्रति जब भी कोई कदम उठाया, वह अहीरवाल की जनता के सड़कों पर किये गए आंदोलन व जनदबाव के चलते उठाया।
विद्रोही ने कहा कि विगत 6 वर्षो में सरकार ने एकबार भी स्वेच्छा से एम्स निर्माण के प्रति सकारात्मक, सार्थक कदम उठाने की बजाय रोड़े अटकाये हो तो आमजन कैसे मान ले कि सरकार एम्स निर्माण के प्रति गंभीर है। अब तक भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर एम्स मामले में इतनी पल्टिया मार चुके है कि जब तक निर्माण कार्य शुरू नही हो जाता है तब तक सरकार की किसी बात, आश्वासन, दावे पर विश्वास नही किया जा सकता। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने सरकार से मांग की कि वह एम्स निर्माण मामले में टरकाऊ ढुलमुल व कछुआ गति से चलने का अपना रवैया छोड़कर एम्स निर्माण सम्बन्धित औपचारिकताओं को पूरा करने में तत्परता व गंभीरता दिखाने के लिए 13 अक्टूबर की बैठक में एम्स निर्माण सम्बन्धित हर बिन्दू का एक चार्ट बनाकर निश्चित समय अवधि में इसे पूरा करने का चार्ट सार्वजनिक रूप से ऐलान करे।