मनोहर की नसीहत किसानों के सिर पर लट्ठ बजाओ, जेल गये तो निकाल कर नेता बना दूंगादो चार महीने जेल में रह आओगे तो बड़े नेता बन जाओगे!” : खट्टरसीएम मनोहर लाल के खिलाफ कोर्ट पहुंचा वकीलडीजीपी से भी केस दर्ज करने की मांगलखीमपुर खीरी में किसानों और प्रशासन के बीच सुलहमृतकों के परिवार को 45 लाख, घायलों को 10 लाख, मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी का वादा, 8 दिन में अरेस्ट होंगे आरोपी अशोक कुमार कौशिक पिछली सरकार में मीडिया के अनुसार हर छोटे बड़े कांड, अपराध, हिंसा का जिम्मेदार “मुख्यमंत्री” होता था भाजपा सरकार में “अधिकारी” जिम्मेदार होता है।अब इंटरनेट बंद कर दिया जाता है?मुख्यमंत्री अधिकारियों के कंधे पर रखकर बंदूक चलाता है और मीडिया की इतनी औकात नही कि मुख्यमंत्री की फोटो लगाकर उसे जिम्मेदार ठहरा सके।हरियाणा का बीजेपी मुख्यमंत्री खट्टर अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहता है किसानों के सिर पर लट्ठ बजाओ, जेल गये तो निकाल कर नेता बना दूंगा। क्या यह एक मुख्यमंत्री की भाषा है या किसी गुंडे की?हरियाणा का बीजेपी मुख्यमंत्री खट्टर अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहता है किसानों के सिर पर लट्ठ बजाओ, जेल गये तो निकाल कर नेता बना दूंगा।प्रदेश का मुख्यमंत्री ऐसे ऐसे ब्यान दे रहा है, जब कुछ नही कर पा रहे तो अपनी औकात पे आ रहे है।फूट डालो और राज करो। हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर ने कल चंडीगढ़ में पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा- “उठालो लट्ठ! किसानों को तुम भी जवाब दो! देख लेंगे… हर इलाके से 1 हजार लट्ठ वाले किसानों का इलाज करेंगे । दो चार महीने जेल में रह आओगे तो बड़े नेता बन जाओगे!” इसके अलावा सीएम खट्टर ने कहा कि “जमानत की परवाह मत करो। नए-नए किसान संगठनों को प्रोत्साहन देना होगा और खासकर उत्तर पश्चिम हरियाणा में समस्या ज्यादा है और इसलिए इन इलाकों में भी प्रत्येक गांव में 500, 700, 1000 युवाओं को वालंटियर बनाओ और फिर जैसा को तैसा भाषा में जवाब दो।” मुख्यमंत्री की ये वीडियो क्लिप सही है तो सरकार की मंशा साफ हो गयी है कि वो प्रदेश में क्या करवाना चाहती है! शांतिपूर्ण किसान आंदोलन से निपटने का गुरुमंत्र। जनता लड़े मरे अपनी कुर्सी सलामत। * सीएम मनोहर लाल के खिलाफ कोर्ट पहुंचा वकील…* एससी और एचसी में मेल भेजकर मुख्यमंत्री के भाषण को बताया भड़काऊ और असंवैधानिक, डीजीपी से भी केस दर्ज करने की मांग… हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बयान से खफा एक वकील उनके खिलाफ कोर्ट पहुंच गया। वकील ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में ईमेल भेजकर बताया कि मुख्यमंत्री का भाषण भड़काऊ, असंवैधानिक और अवैध है। इसीलिए उनके खिलाफ केस दर्ज करके जांच की जाए। साथ ही डीजीपी से भी केस दर्ज करने की मांग की है।चंडीगढ़ में वकालत करने वाले अधिवक्ता संदीप कुमार गोयत ने बताया कि 3 अक्टूबर 2021 को सीएम मनोहर लाल ने अपने आवास पर एक बैठक के दौरान बयान दिया था। जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने कहा था कि विशेष रूप से उत्तरी हरियाणा और पश्चिमी हरियाणा के क्षेत्र में 500 से 1000 लोगों का समूह बनाना चाहिए और डंडे के इस्तेमाल से आंदोलनकारियों को जैसे का तैसा जवाब देना चाहिए। इस तरह के बयान राज्य की शांति और सद्भाव के लिए और किसानों के शांतिपूर्ण विरोध के लिए बेहद खतरनाक है। इसमें भाजपा के कैडर के लिए अप्रत्यक्ष रूप से यह कहकर उकसाने की ताकत है कि किसानों के खिलाफ हिंसा का इस्तेमाल करें। एक तरफ हरियाणा का मुख्यमंत्री लट्ठ उठाने के लिए आह्वान कर रहा है। दूसरी ओर यूपी में एक मंत्री का सुपुत्र किसानों को गाड़ी से रौंद रहा है। लेकिन उनका गिरोह झूठ फैलाएगा कि हिंसा किसान फैला रहे हैं । ये बेचारे तो भगवान की गाय हैं। वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन तक करने को देशद्रोह बताते हैं, लेकिन कभी कभी वे इतने बेचारे हैं कि केंद्र सरकार के नाक के नीचे मंत्री गोली मारो का आह्वान करके दंगा करा देता है और वे कुछ नहीं कर पाते। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी आन्दोलन कर रहे किसानों को धमकाता है कि ”मैं मंत्री सांसद होने के अलावा भी ‘कुछ’ हूं। सुधर जाओ, नहीं तो 2 मिनट में ठीक कर दूंगा।” और फिर इस ‘कुछ’ के सिरफिरे बेटे ने आन्दोलन से वापस लौट रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ा कर उन्हें ‘ठीक’ कर दिया। अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक 6 किसानों की मौत हुई है और दर्जन भर से अधिक किसान घायल हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी आन्दोलन कर रहे किसानों को धमकाता है कि ”मैं मंत्री सांसद होने के अलावा भी ‘कुछ’ हूं। सुधर जाओ, नहीं तो 2 मिनट में ठीक कर दूंगा।” और फिर इसके सिरफिरे बेटे ने आन्दोलन से वापस लौट रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ा कर उन्हें ‘ठीक’ कर दिया। अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक 6 किसानों की मौत हुई है और दर्जन भर से अधिक किसान घायल हैं। तो बीजेपी अब ऐसे निबटेगी आंदोलनकारी किसानों से! चढ़ा देगी कार। कुचल कर मार डालेगी यदि किसी ने सरकार का, उसके मन्त्रियों का विरोध किया तो! उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव_मौर्य को काले झंडे दिखाने के लिए तिकोनिया में खड़े किसानों पर लखीमपुर खीरी के भाजपा सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष उर्फ मोनू मिश्रा ने हाई स्पीड कार किसानों पर चढ़ा दी है। * कौन हैं केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष… जिन आशीष मिश्र पर हत्या का केस दर्ज हुआ, वे लखीमपुर में परिवार का बिजनेस संभालते हैं, चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रहेलखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन के दौरान 9 लोगों की मौत के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष उर्फ मोनू पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है। आशीष पर किसानों को गाड़ी से कुचलने का आरोप पर है। आशीष मंत्री के छोटे बेटे हैं। उन्हें जानने वालों का कहना है कि आशीष शुरू से ही पिता के साथ साथ राजनीति का ककहरा सीखने लगे थे। वे लखीमपुर में पिता का बिजनेस संभालते हैं। परिवार के पेट्रोल पंप और राइस मिल की देखरेख भी आशीष ही करते हैं। * 2012 से राजनीति में सक्रिय हुए जिला पंचायत सदस्य से राजनीति की शुरुआत करने वाले अजय मिश्र टेनी का 2012 में भाजपा से निघासन विधानसभा सीट से टिकट फाइनल हो गया। इसके बाद उनके चुनाव प्रचार की कमान बेटे आशीष ने संभाल ली थी। तब निघासन सीट पर सपा की आंधी के बीच कमल खिला था। अजय मिश्र टेनी ने यहां जोरदार जीत दर्ज की थी। पिता विधायक हुए तो बेटे की सक्रियता भी बढ़ गई। अब, यदि मोदी ने अपने इस ‘कुछ और’ केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को बर्खास्त कर उस पर और उसके सिरफिरे बेटे पर किसानों की हत्या का मुकदमा दर्ज कराकर जेल न भेजा तथा बीजेपी और संघ ने खट्टर को हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से न हटाया तो यह मानने में कोई दुविधा नहीं होनी चाहिए कि यह सब कुछ बीजेपी, संघ और मोदी शाह के इशारे पर हो रहा है! अब, यदि मोदी ने अपने इस ‘कुछ और’ केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को बर्खास्त कर उस पर और उसके सिरफिरे बेटे पर किसानों की हत्या का मुकदमा दर्ज कराकर जेल न भेजा तथा बीजेपी और संघ ने खट्टर को हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से न हटाया तो यह मानने में कोई दुविधा नहीं होनी चाहिए कि यह सब कुछ बीजेपी, संघ और मोदी के इशारे पर हो रहा है! उनके दो रुपये प्रति ट्वीट जरखरीद और दलालों की टोली बता रही है कि किसान हिंसा फैला रहे हैं। अगर आप इतने मूर्ख हैं कि आपको मूर्ख बनाया जा सकता है तो वे क्यों नहीं बनाएंगे? * सरकार और किसानों में समझौता; * मृतकों के परिवार को 45 लाख, घायलों को 10 लाख, मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी का वादा, 8 दिन में अरेस्ट होंगे आरोपी लखीमपुर में सरकार और किसानों के बीच समझौता हो गया है। सरकार ने मृतकों के परिवार को 45 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। मरने वालों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। साथ ही घटना की न्यायिक जांच और 8 दिन में आरोपियों को अरेस्ट करने का वादा भी किया गया है।यूपी के एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा, ‘मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देगी। घायलों को 10 लाख रुपए दिए जाएंगे। किसानों की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज मामले की जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि भादस की धारा 144 लागू होने के कारण राजनीतिक दलों के नेताओं को जिले का दौरा नहीं करने दिया गया है। हालांकि, किसान संघों के सदस्यों को यहां आने की इजाजत है।’ Post navigation लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार और सीएम खट्टर का बयान देश मे दंगे भड़काने की कोशिश है : सुनीता वर्मा ऐलनाबाद उपचुनाव 2021 पर विशेष श्रृंखला