त्योहारी सीजन में प्रदूषण नियंत्रित रखने को गुरुग्राम जिला प्रशासन की पहल।

गुरुग्राम 3 अक्टूबर। गुरुग्राम जिला में पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए उपायुक्त डॉ यश गर्ग ने पर्यावरण प्रदूषण(रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) के निर्देशों को अमलीजामा पहनाने के लिए विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी सौंपी है। ईपीसीए ने गुरूग्राम सहित दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण नियंत्रित करने को लेकर आवश्यक उपाय लागू करने के निर्देश दिए थे।

ईपीसीए के निर्देशों की पालना में गुरूग्राम के उपायुक्त डॉ यश गर्ग ने आदेश जारी करते हुए सभी सरकारी विभागों तथा एजेंसियों को उन्हें दी गई जिम्मेदारी पूरी करना सुनिश्चित करने को कहा है। उपायुक्त द्वारा जारी आदेशो में कहा गया है कि आवश्यक तथा आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर गुरूग्राम शहर में डीजी सैट के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ईपीसीए ने कुछ आवश्यक सेवाओं जैसे मैडिकल उद्देश्यों के लिए अस्पताल , नर्सिंग होम तथा स्वास्थ्य सुविधाओं, लिफट , ऐस्केलेटर , रेलवे स्टेशन, मैट्रो रेल कारपोरेशन सेवाएं जिसमें उनकी ट्रेन और मैट्रो स्टेशन व एयरपोर्ट तथा अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल को डीजी सैट प्रयोग के प्रतिबंध से मुक्त रखा है। इसी प्रकार, बिजली विभाग को परामर्श दिया गया है कि वह डीजी सैटों के प्रयोग को रोकने के लिए शहर में पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करें ताकि आमजनता को असुविधा ना हो।

उपायुक्त के आदेशों में बड़ी निर्माण परियोजनाओं जैसे हाईवे और मैट्रो को निर्देश दिए हैं कि वे राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को 15 दिनों के अंदर यह अंडरटेकिंग देंगे कि वे धूल प्रबंधन संबंधी निर्धारित मानक तथा गाइडलाइन्स का पालन सुनिश्चित करेंगे। प्रदूषण की दृष्टि से सभी उद्योगों को लाल और नारंगी श्रेणियों में विभाजित कर दोनो प्रकार के उद्योगों से यह शपथ पत्र देने को कहा गया है कि वे केवल अधिकृत ईंधन का ही प्रयोग करेंगे और प्रदूषण नियंत्रण के पर्याप्त उपायों के बगैर संचालन नही करेंगे। यह शपथ पत्र उन्हें राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को देना है।

जिला में चिन्हित प्रदूषण हाॅट-स्पाॅट के लिए बनाई गई कार्ययोजना की पालना सुनिश्चित करने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों को रात में भी गश्त लगाने के लिए टीमें गठित करने को कहा गया है। आदेशों मे उपायुक्त ने यह भी कहा है कि ईपीसीए ने अपने फील्ड में विजिट के दौरान जो कमियां पाई हैं, उनकों प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाए और उस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा ईपीसीए को रिपोर्ट भेजी जाए। इसके अलावा, कचरा जनित होने वाले स्त्रोतो पर निगरानी रखी जाए। यहां तक कि अवैध ईंधन के प्रयोग करने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जाए। उन्होंने डस्ट अथवा धूल के नियंत्रण के लिए सभी प्रकार की तकनीकों का प्रयोग करने के आदेश भी दिए हैं। गुरूग्राम जिला में जहां भी संभव हो ईपीसीए के निर्देशों के अनुसार मशीनों से सफाई करवाने के प्रयास किए जाएं। इसके लिए शिफटों में दिन-रात काम किया जा सकता है और सड़क किनारे धूल उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव तथा अन्य उपाय किए जाएं।

उपायुक्त ने ईपीसीए की हिदायतों पर प्राथमिकता से कार्यवाही करने तथा उसकी एक्शन टेकन रिपोर्ट हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजने को कहा है। साथ ही उपायुक्त ने जारी निर्देशों को सही ढंग से लागू करने के लिए सभी संबंधित विभागों में नोडल अधिकारी नियुक्त करने को भी कहा है। इन नोडल अधिकारियों के नाम , मोबाइल नंबर तथा ईमेल आईडी हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को उपलब्ध करवाए जाएंगे। पिछले साल के नोडल अधिकारियों या उनके उत्तराधिकारियांें को भी यह जिम्मेदारी दी जा सकती है और दोनो की अनुलब्धता की सूरत में विभाग अध्यक्ष को नोडल अधिकारी माना जाएगा। सभी संबंधित विभाग अपने विभाग से संबंधित ईपीसीए के निर्देशों की पालना के लिए टीमों का गठन करेंगे और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को ओवरआॅल नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

आदेशो में नगर निगम गुरूग्राम , जीएमडीए , हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचना विकास निगम, पुलिस , क्षेत्रीय यातायात प्राधिकरण , अतिरिक्त उपायुक्त , राज्य परिवहन विभाग , कृषि विभाग शिक्षा विभाग , खाद्य एवं आपूर्ति विभाग , वन विभाग, राजस्व विभाग , विकास एवं पंचायत विभाग, लोक निर्माण विभाग, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग, स्वास्थ्य विभाग , बिजली निगम, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दायित्व दिए गए हैं। इन सभी विभागों से कहा गया है कि वे प्रतिदिन सांय 4 बजे तक निर्देशों की पालना तथा एक्शन प्लान पर की गई कार्यवाही के संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को रिपोर्ट भेजें।

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