उच्च न्यायालय ने काउंसिल को किए नोटिस जारी

गुडग़ांव, 24 सितम्बर (अशोक): प्रदेश सरकार द्वारा हरियाणा मेडिकल काउंसिल को प्रदेश के चिकित्सकों के प्रत्येक 5 वर्ष में पुन: पंजीकरण अनिवार्य करने की अनुमति के आदेश से चिकित्सक बड़े ही आहत हैं। उन्होंने अनुमति के इस आदेश को पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती भी दे डाली है।

जिले के चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व करने वाली इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी है। प्रवक्ता का कहना है कि हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने सभी चिकित्सकों के लिए हर 5 वर्ष के अंतराल पर पुन: पंजीकरण अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। जिसके लिए पंजीकरण शुल्क भी रखा गया है। यदि कोई चिकित्सक इस शुल्क का भुगतान नहीं करता है तो उस पर जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान भी रखा गया है।

उच्च न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा मेडिकल काउंसिल को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भी जारी कर दिया है। एसोसिएशन का कहना है कि काउंसिल को यह अधिकार ही नही है कि वह चिकित्सकों पर इस तरह की कोई शर्त थोपे। यह चिकित्सकों के साथ अन्याय है। गौरतलब है कि काउंसिल ने यह आदेश भी जारी किया है कि जो चिकित्सक उन्हें पंजीकरण की अवधि के 2 साल तक इस शर्त को पूरा नहीं करता है तो उनका नाम प्रदेश की पंजीकृत चिकित्सकों की सूची से हटा दिया जाएगा।

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