चण्डीगढ, 24सितम्बर:-हरियाणा रोङवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य उप-प्रधान बलवान सिंह दोदवा, डिपो प्रधान चन्द्रभान सोलंकी,वरिष्ठ उप-प्रधान धन सिंह गुहणा, सचिव रामकुमार शिशवाल,सह-सचिव जोगेन्द्र सिंह, कैशियर विनोद तिहाङा, आडिटर सत्यवान कुंवारी, कार्यालय सचिव जगदेव सिंह यादव व उप-प्रधान बाबुराम शिशवाल ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए बताया कि हरियाणा रोङवेज चण्डीगढ डिपो के कार्यवाहक महाप्रबंधक कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने की बजाय डिपो में गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं। गुटबाजी के कारण डिपो का माहौल बिल्कुल बिगङ चूका है तथा किसी भी समय कोई भी बङा झगड़ा होने के कारण जानमाल का नुकसान हो सकता है। इसलिए युनियन सरकार से अपील करती है कि ऐसे महाप्रबंधक को तुरंत बदला जाये ताकि डिपो में शान्ति का माहौल स्थापित हो।

उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की बहुत सी आर्थिक समस्याएं जैसे कि एरियर, मैडिकल बिल, शिक्षा भत्ता, रात्रि भत्ता,एलटीसी एसीपी व अन्य बहुत सी अदायगी लगभग 3-4साल से बकाया पङी हुई हैं। लम्बित पङी सभी समस्याओं को लेकर डिपो कमेटी ने 18 फरवरी को एक 11सुत्रिय मांग पत्र डिपो प्रशासन को सौंपा था। लेकिन डिपो प्रशासन ने दिये गये मांग पत्र पर कोई विचार नहीं किया। डिपो कमेटी ने काफी इन्तजार करने के बाद स्मरण पत्र दिया। लेकिन इसके बावजूद भी महाप्रबंधक ने युनियन प्रतिनिधिमंडल से कोई बातचीत नहीं की तथा न ही किसी भी समस्या का कोई स्थाई समाधान किया। इसके बाद डिपो कमेटी ने मजबूर होकर महाप्रबंधक की तानाशाही के खिलाफ 1सितम्बर को धरना देने का नोटिस दिया। आन्दोलन का नोटिस देने के बाद महाप्रबंधक ने 30 अगस्त को डिपो कमेटी की बैठक बुलाई। बातचीत में महाप्रबंधक ने सभी समस्याओं का जल्द समाधान करने का आश्वासन देकर आन्दोलन को स्थगित करवा दिया।

लेकिन महाप्रबंधक ने आन्दोलन स्थगित होने के बाद समस्याओं का समाधान करने की बजाय युनियन पदाधिकारियों का उत्पीड़न शुरू कर दिया। इतना ही नहीं महाप्रबंधक ने चार-पांच चापलूस किस्म के कर्मचारियों को अपने चंगुल में लेकर कर्मचारियों को डरा-धमका कर भयभीत करवाना भी शुरू कर दिया। महाप्रबंधक कर्मचारियों के काम करने की बजाय दादागिरी पर उतर आए हैं तथा जो भी कर्मचारी हो रहे शोषण के खिलाफ बोलने का साहस करता है उसको किसी न किसी रूप में प्रताड़ित करने का काम किया जाता है। युनियन ने चेतावनी दी है कि अगर कार्यवाहक महाप्रबंधक ने अपना अङियल रवैया छोङकर लम्बित पङी सभी समस्याओं का समाधान नहीं किया तथा कर्मचारियों का शोषण बन्द नहीं किया तो मजबूर होकर डिपो प्रशासन के खिलाफ एक बार फिर से आन्दोलन करना पङेगा।

युनियन ने यह भी कहा कि अगर इस तानाशाही महाप्रबंधक को तुरंत नहीं बदला तथा डिपो में बढ़ रही गुटबाजी के कारण कोई बङा हादसा होकर जानमाल का नुकसान हो गया तो उसकी जिम्मेदारी सरकार व परिवहन विभाग के उच्च अधिकारियों की होगी।

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