नारनौल, रामचंद्र सैनी

शहीदी दिवस पर क्षेत्रभर के राजनेताओं ने जहां अपने-अपने तरीकों से शहीदों को श्रद्धांजलि दी, वहीं नर नारायाण सेवा समिति रजिस्टर्ड ने बीती रात दीपोत्सव की भांति शहीदी दिवस मनाया। समिति के प्रधान बेगराज गोयल व महासचिव रामसिंह मधुर की देखरेख में नारनौल के टेलीफोन एक्सचेंज के पीछे शिव मंदिर परिसर में शहीदों के चित्रों के समक्ष घी के दीपक जलाकर अलग ही तरीके से शहीदी दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में गौड सभा के पूर्व प्रधान गजानंद कौशिक मुख्यवक्ता तथा हरियाणा एग्रो के पूर्व चेयरमैन गोबिंद भारद्वाज तथा भाजपा नेता सत्यव्रत शास्त्री विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरूआत में सभी अतिथियों व गणमान्य लोगों ने शहीदों के चित्र के समक्ष दीपक जलाकर उन्हें याद व नमन किया। कार्यक्रम में एएसडी व एमएएसडी स्कूल के विद्यार्थियों ने कविताओं के माध्यम से शहीदों की शहादत को याद किया।

कार्यक्रम में उपस्थित सभी वक्ताओं ने कहा कि नारनौल के नसीबपुर मैदान से शुरू हुई 1857 की क्रांति के बाद से ही देश की आजादी की लडाई शुरू हुई थी। नारनौल के नसीबपुर की ऐतिहासिक धरती पर अंग्रेजों से छिडी लडाई में शहीद हुए शहीदों के खून से यह धरा आज भी लाल है। वक्ताओं ने कहा देश की लडाई में शहीद होने वाले हर एक शहीद देशभक्त था। उनकी ना कोई जाति और ना की कोई धर्म था। उनकी जाति केवल भारतीय और धर्म देश को अंग्रेजों के चंगुल से छुडाना था, जिसमें उन्होंने बिगुल बजाया और अपने प्राणों की शहादत देकर सफलता भी पाई। देश की आजादी में शहीद हुए उन शहीदों को याद करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। कार्यक्रम में वरिष्ठ नागरिक मंच के प्रधान दुलीचंद शर्मा, सैनी सभा के पूर्व प्रधान सूबेदार पुरूषोत्तम सैनी, पूर्व प्राचार्य जयप्रकाश कौशिक, राकेश सोनी, महेश शर्मा, सरदार सुरजीत सिंह अरोडा,, सुमन मैडम व कृद्यणा आर्य आदि वक्ताओं ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन भारत भूषण तायल व समिति के महासचिव रामसिंह मधुर ने किया।

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