अधिकारियों ने ढूंढा नया तरीका, वीआईपी डयूटी के नाम पर बीकन लाईट लगानी शुरू
एडीसी, एसडीएम न तहसीलदार की गाड़ियों पर सज्जी बीकन लाईट

रमेश गोयत

चंडीगढ़ / पंचकूला, 21 सितम्बर। प्रदेश के अधिकारियों का सरकारी गाड़ी पर बत्ती लगाने का मोह भंग नही हो रहा। अधिकारियो ने लाल, नीली की जगह वीआईपी डयूटी के नाम पर पुलिस की गाड़ियां, एम्बूलैंस व फायर बिग्रेड की गाड़ियो पर लगने वाली बीकन लाईट लगानी शुरू कर दी। जबकी परिवहन विभाग से इस बीकन लाईट लगानें के लिए किसी के पास कोई परमिशन नही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीआईपी कल्चर खत्म करने की पहल करते हुए लाल, नीली और पीली बत्तियों के उपयोग पर रोक लगाने का निर्णय लिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार ने भी नई नोटिफिकेशन जारी कर दिया था।

इस नोटिफिकेशन के तहत लाल बत्ती लगाने का अधिकार केवल राज्यपाल मुख्यमंत्री व पंजाब एवं हरियाणा सरकार उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को था। इसके बावजूद प्रदेश में जिले के कई अफसरों का लाल, नीली बत्ती से मोह खत्म नही हो रहा। अधिकारियों ने इसके लिए नया तरीका ढूंढ लिया। वीआईपी डयूटी के नाम पर पुलिस की गाड़ियों पर लगने वाली बीकन लाईट लगानी शुरू कर दी। शायद इन अफसरों को लगता है कि उनकी धाक तो बत्ती के साथ ही जमती है।

पिछलें दिनों पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से कहा था कि यदि पुलिस और अन्य सरकारी अधिकारियों द्वारा वाहनों पर लाल, नीली और सफेद बत्ती के इस्तेमाल के संबंध में सुप्रीम कोर्ट (एससी) के आदेश का उल्लंघन किया जाता है, तो कानूनी कार्रवाई करें। सरकारी अधिकारी केवल अपने वीआईपी का दर्जा दिखाने के लिए वाहनों पर बीकन लाइट का अनधिकृत उपयोग कर रहे हैं। यह अकेलें जिला पंचकूला में ही नही पूरे प्रदेश में हरियाणा के आईएएस, आईपीएस, एचसीएस, एचपीएस अधिकारी व तहसीलदार सरकारी गाड़ी पर बत्ती मानदंडों का उल्लंघन कर रहे है। इस कार्य में प्रदेश के तहसीलदार सबसे अव्वल है। केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर वीआईपी संस्कृति को समाप्त करने के आदेश जारी किए थे। उच्च गणमान्य व्यक्तियों के लिए भी लाल बत्ती के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

अधिसूचनाओं के बावजूद भी बीकन लाइटों का दुरुपयोग किया जा रहा है। बहु-रंगीन रोशनी के उपयोग की अनुमति केवल आपातकालीन ड्यूटी के मामले में दी गई थी। जिसमें पुलिस की गाड़ी, फायर बिग्रेढ व एम्बूलैंस को विशेष रूप से उल्लेख किया गया था। वाहनों पर लाल/एम्बर/नीली बत्ती के संबंध में केंद्र के मई 2017 के निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है और बीकन का उपयोग फील्ड पुलिस अधिकारियों द्वारा भी किया जा रहा है, जबकि आपातकालीन ड्यूटी पर नही है।

रमेश गुलिया एसीपी ट्रर्फिक पंचकूला ने बताया कि अधिकारियो द्वारा सरकारी गाड़ियों पर बीकन लाइट लगाने की जांच की जाएगी। इसका पता करवाएगें की कौन अधिकारी बीकन लाइट लगा सकता है। बिना परमिशन के हैम्बर लाइट लगाना कानूनी गलत है।

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