–कमलेश भारतीय हरियाणवी लोकसंस्कृति के लिए कुछ कर पाया तो बहुत खुशी होगी और मेरा यही योगदान होगा । यह कहना है हिसार के हरियाणा दूरदर्शन केंद्र के निदेशक डाॅ राजकुमार नाहर का । इससे पहले वे लगभग अठारह साल पूर्व हिसार के आकाशवाणी केंद्र पर भी अपनी सेवायें दे चुके हैं और कुरुक्षेत्र विश्विद्यालय के युवा समारोहों में भी निर्णायक की भूमिका निभाते रहे हैं । हमारी मुलाकातें उन्हीं युवा समारोहों में होती रहीं । मूल रूप से तो उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के निकट बसालतगंज के निवासी हैं लेकिन इनके पूर्वज बिहार के भागलपुर आकर बस गये थे । इस तरह इनकी प्रारम्भिक पढ़ाई भागलपुर में हुई । -संगीत की ओर कैसे आकर्षित हुए ?-भागलपुर में मिश्रा नाहर संगीत व ख्याल घराना के रूप में प्रसिद्ध है और हम उसी परिवार से होने के चलते स्वाभाविक रूप से इस ओर आकर्षित हुए । पिता रामनरेश मिश्र और चाचा प्रह्लाद मिश्र हमारे प्रेरक रहे । किशन महाराज का सान्निध्य भी मिला । -संगीत की शिक्षा कहां तक की और कहां से ?-पटना से । हमारे चाचा प्रह्लाद मिश्र जी संगीत विभाग के अध्यक्ष थे । बीए और एम ए संगीत ही नहीं पीएचडी भी की । गायन , तबला वादन , गिटार और सरोद वादन सब सीखा । मेरे भाई संतोष नाहर वायलिन वादन में और मैं उनके साथ तबला वादन करता था । -आपको कहां कहां संगीत कार्यक्रमों में शिरकत करने का अवसर मिला ?-यह कहिए कि कहां कहां नहीं गये हम दोनों भाई । सभी बड़े संगीत सम्मेलनों में आमंत्रित किये जाते । देश भर में घूम लिये कार्यक्रम प्रस्तुत करते । बड़े भाई संतोष वायलिन में टाॅप ग्रेड आर्टिस्ट तो मैं तबले में ए ग्रेड । हम नाहर बंधु के रूप में मशहूर रहे -वायलिन और तबला वादन में । नेमी फेस्टिवल में टाॅप किया । भारत महोत्सव में प्रस्तुति दी । उस्ताद बिस्मिल्ला खां के बाद हमारी प्रस्तुति को रखा गया था । -फिर नौकरी में कब आए ?-सन् 1991 में पूर्णिया बिहार में आकाशवाणी का अधिशासी अधिकारी बना यूपी एस सी परीक्षा में सफल होने के बाद । हिसार आकाशवाणी केंद्र में भी कार्यरत रहा । फिर तो पटना भी रहा और बाद में दूरदर्शन में भी आया । हिसार आकाशवाणी केंद्र में विनोद मेहता से बहुत कुछ सीखने को मिला । अब पिछले छह माह से हिसार के हरियाणा दूरदर्शन केंद्र का कार्यभार देख व संभाल रहा हूं । -क्या कर पाये आकाशवाणी के हिसार केंद्र में ?-पूरे हरियाणा का भ्रमण कर कई कार्यक्रम , संगीत रूपक आदि बनाये और नये उद्घोषकों को अवसर प्रदान किया । -अब दूरदर्शन के लिए क्या योजना है ?-हरियाणा के लोकसंगीत -रागिनी, सांग थियेटर , साहित्य, स्वतंत्रता सेनानियों आदि को समेट सकूं तो बहुत खुशी होगी । -कौन कौन से प्रमुख पुरस्कार मिले आपको ?-ताल मणि, सुर ताल , बिहारश्री जैसे अनेक अवार्ड । -परिवार के बारे में ?-पत्नी के बारे में यही बताया कि वे संगीत विदुषी होने के बावजूद जो गृहस्थी में रमी हैं । दो बेटे हैं -सार्थक और समर । सार्थक एम एस सी जूओलोजी का छात्र है जबकि समर बीबीए का । सार्थक अच्छा गायक भी है लेकिन समय थोड़ा बहुत गा लेता है । हमारी शुभकामनाएं डाॅ राजकुमार नाहर को । Post navigation कांग्रेस : नये व पुराने नेताओं में टकराव अग्रोहा धाम की तरफ से 10 करोड़ रुपए की लागत से महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल स्कूल बनाया जाएगा – बजरंग गर्ग