त्योहारों को लेकर नकली मिठाई की मंडी तैयार

त्योहारों के मौसम में डॉक्टरों का मिलावटी मिठाइयों से परहेज की चेतावनी

रमेश गोयत

पंचकूला। त्योहारों के नजदीक आते ही नकली मिठाई की मंडी तैयार हो जाती है। नकली मावा मिठाई की सप्लाई देने वाले एजेंट राजस्थान, पंजाब, हरियाणा से सक्रिय हो जाते हैं। दुकानदारों को दुकान पर ही नकली मावा की सप्लाई दी जाती है। 

कंजूमर एसोसिएशन ने नकली मिठाई के खिलाफ मुहिम शुरू की है। त्योहारों के नजदीक आते ही मिठाइयों रसगुल्ला और मावे से बनी बर्फी कलाकन्द व अन्य खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ जाती है। मिठाइयां तैयार करने में खोए की आवश्यकता होती है। मांग के हिसाब से मावे की आपूर्ति नहीं हो पाती जिस कारण गांव-गांव में में मिलावटी मावा  तैयार करके सप्लाई किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए अति हानिकारक है। खाद्य विभाग में अभी तक मिलावट के इस धंधे पर नकेल नहीं कसी है। इन समस्याओं को गंभीरता को रखते हुए कंज्यूमर्स एसोसिएशन पंचकूला के चीफ पैटर्न एसके जैन के दिशा निर्देशन में इस विषय पर अपने सदस्यों की आपात बैठक बुलाई गई। जिसमें इस विषय पर गंभीरता से चर्चा की गई l एसोसिएशन के प्रधान एनसी राणा ने बताया कि डॉक्टरों का कहना है कि मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने से अनेक प्रकार के भयानक रोग हो सकते हैं और कई बार इनसे मृत्यु होना भी संभव होता है। घी में मिलाई गई चर्बी दिल से संबंधित बीमारियों को जन्म देती है। उन्होंने बताया की मिठाइयों और खोए के 67 पर्तिशत  नमूने फेल हो जाते हैं। विभाग आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई भी करता है लेकिन उसके बाद भी मिलावट खोरी का धंधा बंद नहीं होता है।

अक्सर त्योहारों के नजदीक एक या 2 दिन अभियान चलाकर मिठाइयों की दुकानों पर छापे मारते हैं। मिठाईयां नष्ट कराई जाती है लेकिन दुकानदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने बताया कि पिछले 8 सालों से कंज्यूमर्स एसोसिएशन खाने पीने तथा अन्य सामान में मिलावट के खिलाफ जंग लड़ रही है, बाजारों में मिठाई बनाने वाले धड़ल्ले से नकली मावा और सिंथेटिक रंगों का प्रयोग कर रहे हैं वही खाद्य विभाग मौन है। इसी सिलसिले में कंजूमर एसोसिएशन पंचकूला ने खाद्य विभाग को कई बार पत्र लिखकर सचेत किया लेकिन किसी को ना तो कोई सजा हुई और ना ही उसका व्यापार बंद किया गया।

संस्था के महासचिव वीके शर्मा ने बताया कि मिलावटी खोया मिठाई खाने से पेट की बीमारियां होती है आंखों पर और हृदय पर भी असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि त्योहारों पर मिलावट खोर चंद रुपयो के मुनाफे के लिए हम लोगो की जान और स्वास्थ्य से खिलवाड व सौदेबाजी करते हैं। उन्होंने बताया कि सिंथेटिक दूध और खोया बनाने में जानवरों की चर्बी और अन्य रसायनों की मदद से कृत्रिम तरीके से नकली देसी घी और मिठाइयां बनाई जाती हैं जिससे पेट में इन्फेक्शन और किडनी के ऊपर बहुत बुरा असर पड़ता है। एक खतरनाक रसायन खासकर यूरिया सीधे किडनी संबंधी रोगों को जन्म देता है और इसके लगातार सेवन से इसका असर लीवर पर भी होता है। संस्था के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट केसी जिंदल ने बताया दुकानों में सजाई रंग बिरंगी मिठाईयां देखने में तो बेहद अच्छी लगती है लेकिन साथ ही सिंथेटिक रंगों का धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है। यह सब स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं इन मिलावटी मिठाइयों को लेकर खाद्य विभाग समेत स्थानीय प्रशासन गंभीर दिखाई नहीं दे रहा। अब तक मिलावट रोकने के लिए कोई अभियान शुरू किया गया है। इसके चलते  ऐसे दुकानदारों के हौसले बुलंद हैं।

संस्था के वरिष्ठ उप प्रधान पीएस गोपाल ने बताया कि यह मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने से गुर्दो पर भी बुरा असर पड़ता है। प्रत्येक वर्ष कंजूमर एसोसिएशन खाद्य विभाग के पदाधिकारियों से मिलकर मिलावट के खिलाफ अभियान चलाने के लिए भरसक प्रयास करती है। प्रशासन अनुसार खाद्य विभाग को मिठाइयों की दुकान पर छापामारी करने के निर्देश दिये जायेंगे।मिलावट करने वाले दुकानदारों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। जल्दी दुकानों पर छापे मारकर मिठाइयों के नमूने लिए जाएंगे। संस्था के मुख्य सलाहकार एमएलए गुप्ता, आर एल सेतिया ने बताया की छापेमारी के नतीजों के बारे में सार्वजनिक सूचना देनी चाहिए और साथ में उन्हें उपभोक्ताओं को भी जागरूक करने की आवश्यकता है जिसके फलस्वरूप उनको जब मिलावटी वस्तुएं दी जाए तो वह सचेत होकर सेहत विभाग के साथ संपर्क करके अपनी शिकायत दर्ज करवाएं। 

सस्था के वरिष्ठ उपप्रधान वीके त्रिहन तथा एडवोकेट सपना वासूदेव ने कहा कि अब ग्राहकों को धोखा देना पड़ेगा महंगा । नया कंस्यूमर्स प्रोटेक्शन एक्ट 2019 एक क्रांतिकारी एक्ट है जिसमें मिलावटी और नकली सामान बेचने वालों को जीवन कारावास तक की सजा मिल सकती है। वरिष्ठ सदस्यों  डा. रमेश अग्रवाल संजीव गौतम रोशन खंडूजा सुरेन्द्र जसवाल विनय रोहिल्ला सतीश शर्मा कुलवन्त शर्मा ने बताया कि अकसर खाद्य सुरक्षा विभाग के कर्मचारी दुकानो या अन्य व्यवासिक ठिकानो से ब्रांडेड सामान व वस्तुओ का सैम्पल लिया जाता है जब कि आवश्यकता है कि उनके द्वारा लोकल सामान मिठाईयो का सैम्पल लिया जाये वर्ना यह अभियान केवल एक दिखावा मात्र रह जायेगा। मिलावटखोरी को एक गम्भीर अपराध मान कर कठोर कारावास की सजा का प्रावधान करना अति आवश्यक है।

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