-कमलेश भारतीय सोनू सूद कौन है ? नायक या खलनायक ? फिल्मों के अभिनय के हिसाब से, निभाये गये पात्रों के हिसाब से खलनायक । ज़िंदगी में निभाये गये किरदार के मुताबिक एक नायक हमारा हीरो । लाखों लोगों का हीरो । खासतौर पर कोरोना काल के दौरान जो काम और जो सेवा भाव सोनू सूद ने दिखाया उसने उसे हीरो बना दिया । ऐसा हीरो जिसे अब खलनायक के रूप में लेने से संकोच करने लगे हैं फिल्म निर्माता । उनका कहना है कि यदि हम सोनू को खलनायक के तौर पर लेंगे तो लोग फिल्म का ही विरोध करेंगे कि हमारे हीरो को खलनायक बना कर पिटवाया क्यों जा रहा है ? इतना बढ़िया किरदार निभाया कि सोनू सूद खलनायक से नायक बन गया । यह बात सामने आई कि बस हैलै सोनू सूद कहने की देर थी कि सोनू हाज़िर और सबके लिए न केवल रेलगाड़ी बल्कि जहां जहां बहुत जरूरत हुई तो चार्टर्ड विमान से अपने अपने देस भेजा प्रवासी मजदूरों को । मुम्बई से इतनी ख्याति फैली कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की लोकप्रियता पर असर पड़ा और उनकी मुम्बई महानगर पालिका ने सोनू को शाबाशी देने की बजाय नोटिस भेजा । सीधा सीधा यह संदेश था कि राजनीति के अंगने में तुम्हारा क्या काम है ? भई मोगा पंजाब से कपड़े की चली चलाई दुकान छोड़ कर एक्टिंग करने आए थे तो एक्टिग करो । हमारी राजनीति में दखल क्यों देने चले हो भाई ? राजनीति हमारा काम है और जनसेवा तुम्हारा काम है । कंगना की तरह जयललिता पर थ्लाइवी फिल्म मे तो राजनीति कर सकते हो लेकिन असल ज़िंदगी में नहीं । यह हमारे काम है । आप अपनी दुनिया में मस्त रहो सोनू । अब सोनू सूद आप के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अनौपचारिक भेंट क्या करने गया , हमारे साहब की आंखों में खटक गया । साहब की त्यौरी चढ़ी देख कर एकदम आयकर अधिकारी दौड़े सोनू सूद के घर छापा मारने । उनके आधा दर्जन मित्रों या ठिकानों पर कार्यवाही शुरू हो गयी । अब बताइए सोनू सूद क्या है -नायक या खलनायक ? यह क्यों हुआ ? आम आदमी पार्टी ने सोनू सूद को अपना ब्रांड एम्बेसेडर घोषित कर दिया । अमिताभ बच्चन को साहब ने गुजरात का ब्रांड एम्बेसेडर बनाया था लेकिन किसी ने अभिताभ बच्चन के आवास पर छापे नहीं मारे थे । ऐसे ही परिणति चोपड़ा को हरियाणा सरकार ने ब्रांड एम्बेसेडर बनाया । उसके यहां तो कोइ छापा नहीं पड़ा साहब आज तक ? सोनू सूद पर ही ऐसी कृपा क्यों ? होना तो यह चाहिए था कि इस गणतंत्र दिवस पर साहब सोनू सूद को दिल्ली बुला कर सम्मानित करते पर यह तो हो न सका या कर नहीं पाये । इसके विपरीत आयकर के छापों की सौगात दे दी । वाह साहब । आपकी बात ही कुछ और है । आप ही आप हैं दूसरी आप में जाने की जरूरत ही क्या थी सोनू सूद ? न मुम्बई ने सराहा , न दिल्ली ने अपनाया । सोनू सूद जाये तो जाये कहां,,,,?-पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी । Post navigation नृत्य मेरा पैशन पर बनना है प्राध्यापिका : अनन्या बिश्नोई 71 साल के हुए हर चुनौतियों को मात देने वाले योद्धा नरेंद्र मोदी