रेवाड़ी, 16 सितम्बर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह की टिपपणी कि मैं कुएं का मेंढक नही पूरा हरियाणा मेरा है, पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए कहा कि पांच बार लोकसभा सदस्य बनकर व चार बार विधायक रहे राव साहब का शानदार राजनीतिक चुनावी रिकार्ड ही बताता है कि वे बड़े जनाधार के नेता है। विद्रोही ने कहा कि इतना बडा जनाधार होते हुए भी यदि वे हरियाणा के राजनीतिक समुद्र में दरियाई घोडा बनने की बजाय कुएं के मेंढक बनकर राजनीति करना चाहते है तो कोई क्या कर सकता है। राव साहब हरियाणा के राजनीतिक समुद्र में दरियाई घोडा बनने की बजाय अहीरवाल की राजनीति का मगरमच्छ बनकर छोटे-मोटे राजनीतिक जीवों को क्या तो खाकर हजम करने में लगे हुए है या उन पर हमला करके उन्हे लंगडा-लूला अपाहिज बनाकर प्रसन्न रहते है। 

विद्रोही ने कहा कि हमने तो अपने राजनीतिक मित्रों से व्यर्थ का विवाद करके राव साहब को प्रदेश के राजनीतिक समुद्र का दरियाई घोडा बनाने का हरसंभव प्रयास किया था, पर राव साहब ने खुद हमारे प्रयासों को तारपिडो करके हरियाण की राजनीति में खुद को कुएं का मेंढक बनाकर अहीरवाल का मगरमच्छ बनने को प्राथमिकता देकर अपने निजी राजनीतिक हित साधे। ऐसी स्थिति में कोई क्या कर सकता है कि जब राव साहब की सोच ही कुएं के मेंढक से ऊपर उठकर दरिायाई घोडा बनने की ही नही है।

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