गुरूग्राम की मेयर मधु आजाद ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के समक्ष गुरूग्राम के विकास का रखा मुद्दा गुरूग्राम, 15 सितम्बर। गुरूग्राम की मेयर मधु आजाद ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में गुरूग्राम के विकास का मुद्दा रखा। यह बैठक हरियाणा के सभी मेयरों के साथ मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। बैठक के बाद मेयर मधु आजाद ने बताया कि उन्होंने बैठक में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के समक्ष गुरूग्राम के विकास से संंबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दे रखे। इनमें विशेष तौर पर नगर निगम गुरूग्राम के सदन द्वारा पारित उन प्रस्तावों से संबंधित मामले शामिल हैं, जो शहरी स्थानीय निकाय हरियाणा के स्तर पर लंबित हैं। मेयर ने कहा कि नगर निगम गुरूग्राम के सदन की सामान्य बैठकों में गुरूग्राम के विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए हैं, जिन्हें स्वीकृति हेतु शहरी स्थानीय निकाय विभाग को भेजा हुआ है। इन प्रस्तावों को स्वीकृति विभाग द्वारा दी जानी है। इनमें गांव सिकन्दरपुर के गरीब परिवारों को वैकल्पिक प्लॉट आवंटित करने का मामले के बारे में मेयर ने बताया कि गांव के कुछ परिवारों को इंदिरा आवास योजना के तहत मिले मकानों को तोड़ा गया था, जिनकी जगह उन्हें वैकल्पिक प्लाट देने बारे सदन की सामान्य बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ था। यह प्रस्ताव शहरी स्थानीय निकाय विभाग के स्तर पर लंबित है। मेयर ने कहा कि बैठक में गुरूग्राम के न्यू पालम विहार के निवासियों की महत्वपूर्ण मांग के बारे में भी मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया तथा अनुरोध किया गया कि न्यू पालम विहार को जल्द से जल्द नियमित किया जाए। इसके अलावा, बाबा प्रकाशपुरी जोन को नियमित करने, एफएआर से संबंधित प्रस्ताव, सब-डिवीजन प्लॉट के बिल्डिंग प्लान स्वीकृत करने, निगम पार्षदों को उनके वार्ड में एक-एक करोड़ रूपए के विकास कार्य करवाने की शक्ति प्रदान करने व निगम पार्षदों एवं अधिकारियों के लिए आवासीय परिसर का निर्माण करने संबंधी प्रस्तावों के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत करवाया। मेयर ने एचएसआईआईडीसी तथा एचएसवीपी द्वारा अधिगृहित की गई नगर निगम की जमीनों का मुआवजा दिलवाने के बारे में कहा कि एचएसवीपी पर नगर निगम गुरूग्राम का 180 करोड़ रूपए तथा एचएसआईआईडीसी पर 13 करोड़ रूपए का मुआवजा लंबित है। यह राशि मिलने से नगर निगम गुरूग्राम को बड़ी परियोजनाओं का निर्माण करने में मदद मिलेगी। बैठक में सभी मेयरों को अधिक शक्तिशाली बनाने की बात भी मुख्मयंत्री के समक्ष रखी गई। मेयर मधु आजाद ने कहा कि काफी ऐसे प्रस्ताव हैं, जिन्हें सदन द्वारा पारित करने के उपरान्त सरकार को स्वीकृति हेतु भेजना पड़ता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि नगर निगम सदन तथा वित्त एवं संविदा कमेटी की शक्तियां बढ़ाई जाएं, ताकि विकास कार्यों को स्थानीय स्तर पर ही स्वीकृति दी जा सके तथा विकास कार्यों को जल्दी शुरू करवाया जा सके। मेयर मधु आजाद ने मुख्यमंत्री को नगर निगम गुरूग्राम के 8 निगम पार्षदों की तरफ से उनके वार्ड से संबंधित विकास कार्यों का पत्र भी सौंपा। बैठक में सभी मेयरों की तरफ से हस्ताक्षरित पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा गया। इस पत्र के माध्यम से हरियाणा के नगर निगमों को और अधिक कुशलता से कार्य करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए गए हैं। इन सुझावों में मुख्य रूप से निगमों के कार्यों में तेजी लाने के लिए अदायगी करने का अधिकार मेयर को प्रदान करने, अधिकारियों एवं कर्मचारी की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट लिखने का अधिकार देने, मेयर को विकास कार्यों के लिए 5 करोड़ रूपए वार्षिक सुरक्षित फंड का बजट देने, भारत सरकार या किसी अन्य संस्था द्वारा निगम क्षेत्र में योजना बनाने समय मेयर को अध्यक्ष के रूप में शामिल करने, हरियाणा नगर निगम अधिनियम की धारा-35 के अनुसार किसी आपातकाल समय में 5 लाख रूपए का अधिकार देने, कर्मचारियों के अंदरूनी तबादलों में मेयर की सहमति को अनिवार्य करने, जिला परिषद के चेयर को जो अधिकार होते हैं, वे अधिकार मेयर को प्रदान करने, मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों के समान आर्थिक एवं मैडीकल व अन्य सुविधाएं मेयर को देने, सभी सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर व पार्षदों को उनकेपद के अनुसार सुविधाएं देने, भारतीय नगर निगम अधिनियम में 73-74 वां संशोधन तथा नगर निगम के कार्य क्षेत्र में होने वाले सभी टैंडर निगम स्तर पर करने बारे सुझाव शामिल हैं। बैठक में हिसार के मेयर गौत्तम सरदाना, रोहतक के मेयर मनमोहन गोयल, पंचकुला के मेयर कुलभूषण गोयल, यमुनानगर के मेयर मदन चौहान, करनाल की मेयर रेणू बाला, फरीदाबाद की मेयर सुमनबाला तथा पानीपत के मेयर अवनीत कौर शामिल थे। Post navigation केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने गांव भौंडसी पहुंचकर शहीद तरुण भारद्वाज के परिजनों से मुलाकात कर अपनी संवेदनाएं प्रकट की 1947 के विभाजन का दर्द – बुजुर्गों की जुबानी