पूर्व मुख्यमंत्रीे चौटाला के दावों का कोई महत्व नही, 86 साल की आयु के बाद भी असत्य ! विद्रोही

औमप्रकाश चौटाला 86 साल की आयु पार करने व दस साल की जेल हवा खाने के बाद भी असत्य बोलने व तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखने से बाज नही आ रहे है। विद्रोही

रेवाड़ी, 12 सितम्बर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि अपनी बिखरी व खत्म हो चुकी इनेलो पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए औमप्रकाश चौटाला 86 साल की आयु पार करने व दस साल की जेल हवा खाने के बाद भी असत्य बोलने व तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखने से बाज नही आ रहे है। विद्रोही ने कहा कि शनिवार को रेवाड़ी में पत्रकारों के समक्ष पूर्व मुख्यमंत्रीे व इनेलो नेता औमप्रकाश चौटाला का यह दावा हास्यास्पद व किसानों के साथ क्रूर मजाक है कि वर्ष 2001 में कंडेला जींद में चौटाला सरकार ने पुलिस गोलियों व लाठियों से चार किसानों को यमलोक नही पहुंचाया। चौटाला जी का यह कहना कि कंडेला कांड में किसी भी किसान की मौत नही हुई, ऐसा असत्य है जो एक 86 वर्षीय बुजुर्ग के मुंह से शोभा नही देता। वहीं कंडेला कांड में जिन किसान परिवारों ने अपने प्रियजन गवाएं, उन क्या बीती होगी इसका भी चौटाला जी ने ख्याल नही रखा। 

विद्रोही ने कहा कि जो नेता मुख्यमंत्री रहतेे अपने किये गए कुकृत्यों पर शर्मसार होने की बजाय असत्य बोलकर उन कुकृत्यों पर पर्दा डाले, ऐसे नेता से प्रदेश के आमजनों के किसी भी हित आशा कैसे की जा सकती है? वहीं यह कटु सत्य बदल नही सकता कि अब चौटाला जी दस साल की जेल सजा काट चुके व्यक्ति है। उनकी सजा को देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा और चौटाला जी तिहाड़ जेल दिल्ली में विधिवत रूप से अपनी जेल सजा भी काट चुके है। क्या अपने गलत कारनामों के चलते न्यायालय के आदेश पर जेल सजा काट चुके औमप्रकाश चौटाला इस दाग को झुठला सकते है कि वे जेल सजायाफ्ता नेता है।

वहीं उन्हे जेल की सजा कांग्रेस ने नही अपितु चौटाला जी के शासन में एक समय उनके नजदीकी रहे आईएएस आफिसर ने जून 2003 में उनके मुख्यमंत्री रहते सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर सजा दिलवाई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही जनवरी-फरवरी 2004 में जेबीटी भर्ती घोटाले में चौटाला के खिलाफ जांच करके सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था और सुप्रीम कोर्ट के उसी आदेश के चलते औमप्रकाश चौटाला व उनके पुत्र अजय चौटाला को दस-दस साल की सजा हुई थी। इसमें कांग्रेस बीच में कहां से आ गई?

विद्रोही ने कहा कि चौटाला जी जो चाहे दावे करे, 86 वर्षीय इस बुजुर्ग नेता व उनकी पार्टी के 2024 हरियाणा विधानसभा चुनाव में दूर-दूर तक सत्ता में आने की पैसेभर की संभावना नही है। अपने राजनीतिक वजूद को बनाये रखने व राजनीति में प्रसांगिक बने रहने के लिए चौटाला जी के किये जा रहे दावों का कोई महत्व नही है। हां यदि वे अपनी भड़ास निकालने व अपना शेष जीवन काटने के लिए कांग्रेस को कोसने में ही आनंद तलाशना चाहते है तो यह आनंद उनको मुबारक हो। 

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