केन्द्र सरकार द्वारा रबी फसलों का समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी नाकाफी: चन्द्र मोहन

वायदा 2022 तक किसानों की फसलों की आय दोगुनी

रमेश गोयत

पंचकूला, 08 सितम्बर। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने केन्द्र सरकार द्वारा रबी फसलों का समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को नाकाफी बताते हुए इसे किसानों के साथ अन्याय किया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा गेहूं के समर्थन मूल्य में केवल 40 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। जो कि पर्याप्त नहीं है। चन्द्र मोहन ने कहा कि मोदी की सरकार किसानों के बारे में झूठा प्रचार और प्रसार कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने वायदा किया था कि सन् 2022 तक किसानों की फसलों की आय दोगुनी हो जाएगी, लेकिन अफसोस की बात यह है कि 7 साल में फसलों के मूल्य दूगने करने के बात तो छोड़िए, उनको अपनी फसलों को बचाने के लिए भी संधर्ष करना पड़  रहा हैं।

उन्होंने कहा कि गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2015 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। इसमें 40 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बढ़ोतरी की गई है। एक किलोग्राम में 40 पैसे प्रति किलो की बढ़ोतरी की गई है जो लगभग 2.6 प्रतिशत बनता है। पिछले चार वर्षों से यह निरन्तर घट रहा है। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार एम एसपी, सी 2+50  प्रतिशत के आधार पर दिया जाना चाहिए। इसी प्रकार जौ के समर्थन मूल्य में भी केवल 35 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। इससे भाजपा के फसलों के दौगुना दाम देने के वायदे पर पलीता लग गया है।                                    

चन्द्र  मोहन ने कहा कि भाजपा किसानों की हितैषी सरकार कभी नहीं रही है। भाजपा कारपोरेट घरानों के हाथों में खेल रही है। इस लिए जो भी भाजपा सरकार द्वारा फैसले लिए जा रहे हैं वह किसानों को तबाह करके छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि इस सरकार में डीजल के भाव पिछले एक वर्ष में 32 रुपए प्रति लीटर बढ़ चुके हैं। किसान के एक क्विंटल का मूल्य बढ़ा 40 रुपए प्रति क्विंटल वह बराबर हो गया। इसमें खाद और बीज कीटनाशक दवाओं का खर्च भी जोड़ दिया जाए तो यह  सोच कर किसान का जीना दुश्वार हो जाएगा।

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