ऋषि प्रकाश कौशिक 

इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की विचारधारा के साए में राजनीति के गुर सीख कर बीजेपी की टिकट पर विधायक बने कृष्ण मिड्डा के स्वर में कुंठा की पीड़ा छलकने लगी है। जींद विधानसभा के उपचुनाव से चुनावी राजनीति शुरू करने वाले कृष्ण मिड्डा अपनी सरकार की कार्यशैली से बेहद खफा हैं। मिड्डा का  अधिकारियों के बारे में तीखा और अप्रत्याशित बयान सीधे सीधे सरकार की आलोचना है और सरकार के निकम्मेपन की तस्वीर दिखाता है। अब बयान पर गौर करें। मिड्डा कहते हैं कि जींद के अधिकारीयों से अच्छे तो उग्रवादी हैं। 

एक विधायक, वो भी सरकारी पाले का, अधिकारियों को उग्रवादियों से भी अधिक बुरा बताता है, तो अंदाजा लगा सकते हैं कि राज्य में कानून व्यवस्था कितनी खराब होगी। अधिकारी तो वही करते हैं जो सरकार चाहती है। यूँ कह सकते हैं कि अधिकारी तो सरकारी नीतियां लागू करते हैं और वो नीतियां लागू करने से उग्रवादियों से भी बदतर हो जाते हैं। इसमें दोष किसका है, अधिकारियों का या नीतियों का? यदि सरकारी नीतियां सही तरीके से लागू नहीं करते हैं, बेलगाम हो गए हैं तो दोष किसका, मुख्यमंत्री का या कानून वयवस्था के लिए जिम्मेदार गृहमंत्री का? 

कृष्ण मिड्डा ने अधिकारियों को उग्रवादियों से बदतर बताते हुए कहा कि वे कहीं विस्फोट करके कम से कम अपनी जिम्मेदारी तो ले लेते हैं। ये अधिकारी तो उनसे भी बुरे आदमी हैं। इस बयान का अभिप्राय यह है कि अधिकारी कभी गलत कामों की जिम्मेदारी नहीं लेते। कृष्ण मिड्डा की पार्टी सरकार चलाती है फिर भी बेबसी और लाचारी के मुहाने पर खड़े होकर विलाप कर रहे हैं। कृष्ण मिड्डा ने अपना दुखड़ा मुख्यमंत्री को भी सुनाया था। मुख्यमंत्री दरबार में फ़रियाद के बाद भी अधिकारी नहीं सुधरे तो विधायक कृष्ण मिड्डा अपने निष्प्रभावी होने पर ज्यादा दुखी होंगे। दुःख मापने का कोई पैमाना तो नहीं है, लेकिन तीखा बयान उनकी अपार पीड़ा का एहसास जरूर करवा रहा है। 

 मिड्डा ने कहा कि मुझे तो इन अधिकारियों के ऊपर विधायक होने में भी शर्म आती है। आज कृष्ण मिड्डा अपने उस फैसले पर भी मन ही मन अफ़सोस जता रहे होंगे कि पिता  हरिचंद मिड्डा की इनेलो की विरासत छोड़ कर बीजेपी का दामन क्यों थामा। 

  विधायक कृष्ण मिड्डा का कहना है कि

 जींद में सड़कों और सीवरेज का बुरा हाल है; अमरुत योजना भी खस्ताहाल है।  ऐसे में सभी विभाग एक दूसरे पर ही लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। खुद कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं इन्हीं हालात के मद्देनजर विधायक ने कहा कि जींद के अधिकारियों से अच्छे तो उग्रवादी हैं जो कम से कम कहीं विस्फोट करके अपनी जिम्मेदारी तो ले लेते हैं। ये अधिकारी तो उनसे भी बुरे हैं।

विधायक कृष्ण मिड्डा यह भी जानते होंगे कि इन अफसरों ने जनता की क्या दुर्गति कर रखी है। 

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