रेवाड़ी, 3 सितम्बर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मांग की कि मनेठी एम्स के लिए माजरा के किसानों की जमीन विधिवत रूप से अधिग्रहित करने व किसानों को सरकार से बनी सहमति अनुसार मुआवजा देने में अनावश्यक देरी न की जाये।

विद्रोही ने कहा कि मनेठी एम्स की घोषणा को हुए छह साल से ज्यादा समय हो गया व केन्द्रीय मंत्रीमंडल द्वारा विधिवत रूप से एम्स की स्वीकृति दिये हुए भी ढाई साल से ज्यादा समय हो चुका है। ऐसी स्थिति में अब एम्स निर्माण में और देरी करना अनुचित होगा। मनेठी एम्स के लिए माजरा गांव के किसानों व सरकार के बीच 140 एकड़ जमीन 40 लाख रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से देने व जमीन देने वाले किसानों को जमीन के अनुपात में एससीओ के लिए जगह देने की विधिवत रूप से कानूनी सहमति बने हुए भी एक माह से ज्यादा का समय हो चुका है। सरकार ने भी किसानों की 140 एकड़ जमीन व ग्राम पंचायत माजरा की 60 एकड़ जमीन मिलाकर कुल 200 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने की सहमति भी दे दी है। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने कहा कि मनेठी-माजरा एम्स निर्माण के लिए 200 एकड़ जमीन को विधिवत रूप से हरियाणा सरकार अधिग्रहित करके एम्स के नाम करने के लिए आवश्यक है कि सरकार एक क्षण की देरी किये बिना किसानों को मुआवजा देकर जमीन अपने कब्जे में ले।

जमीन को विधिवत रूप से अधिग्रहित करके एम्स के नाम पर स्थानातंरित करने के बाद ही वन एवं पर्यावरणीय समिति से एनओसी लेने का अगला कदम उठ पायेगा। वहीं केन्द्रीय पर्यावरणीय समिति से अनुमति मिलने के बाद भी मनेठी-माजरा एम्स निर्माण की अन्य आवश्यक वैद्यानिक औपचारिकताएं पूरी करने की दिशा में कदम उठ पायेगा।

विद्रोही ने कहा कि मनेठी माजरा एम्स निर्माण में पहले ही बहुत देरी हो चुकी है। अब इस निर्माण को अन्य कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के नाम पर ज्यादा दिन तक लटकाये रखना दक्षिणी हरियाणा के साथ अन्याय होगा। विद्रोही ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि जब एम्स निर्माण के संदर्भ में सभी विवाद सुलझ गए है तो इसमें देरी करने की बजाय अन्य कानूनी औपचारिकताएं विद्युत गति से खट्टर जी स्वयं रूचि लेकर पूरी करवाये। 

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