एक बार फिर बरसात हेलीमंडी व्यापारियों के लिए बनी आफत.
बरसाती पानी भरने से पूरी तरह बंद रहे हेली मंडी के बाजार.
छोटे बड़े दुकानदारों-व्यापारियों सहित सरकार को भी नुकसान

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।  कभी जौ के व्यवसाय के लिए विख्यात रही हेली मंडी अनाज मंडी में जलभराव की समस्या, विकास के अनेक दावों के बीच जी का जंजाल बनती जा रही है । सावन माह के खत्म होने और भादो के आरंभ होते ही एक बार फिर से हुई बरसात के बीच हेली मंडी अनाज मंडी पूरी तरह से विशाल झील बनी हुई दिखाई दी । इससे पहले भी हुई बरसात के कारण यहां बरसाती पानी भर जाने की वजह से छोटे बड़े दुकानदारों और व्यापारियों को लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है । हेली मंडी अनाज मंडी परिसर में बरसाती पानी की निकासी के लिए हेली मंडी नगर पालिका प्रशासन के द्वारा बनाया गया लाखों रुपए का वाटर हार्वेस्टिंग भी अपने आप में समस्या ही साबित हो रहा है।

यहां बरसाती पानी भरने और व्यापारियों को हुए लाखों रुपए के नुकसान के बारे में 16 अगस्त को डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को हेली मंडी आगमन पर जानकारी देते हुए हेली मंडी अनाज मंडी क्षेत्र से ड्रेनेज व्यवस्था की व्यापारी वर्ग की तरफ से मांग रखी गई । बरसात के कारण जलभराव और व्यापारी वर्ग के नुकसान को देखते हुए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के द्वारा मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि जल्द से जल्द  हेली मंडी अनाज मंडी क्षेत्र से पानी निकासी का प्रोजेक्ट सहित एस्टीमेट तैयार करके उपलब्ध करवाया जाए। जिससे कि आगामी 6 माह के अंदर अंदर इस समस्या का समाधान हमेशा के लिए किया जा सके । डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के दिए गए इस निर्देश पर प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा अभी कितना और किस प्रकार का काम या होमवर्क किया गया, यह अलग विषय है ।

लेकिन बरसात के कारण जलभराव से एक बार फिर हेली मंडी अनाज मंडी क्षेत्र में विभिन्न दुकानदारों प्रतिष्ठानों जींस व्यापारियों खाद एवं बीज विक्रेताओं परचून का सामान विक्रेताओं वस्त्र विक्रेताओं सहित अन्य तमाम छोटे-बड़े दुकानदारों को एक बार फिर से भारी नुकसान झेलने के लिए मजबूर होना पड़ गया। बरसात होने से कुछ दिन पहले ही बरसाती पानी निकासी के नाम पर हेली मंडी अनाज मंडी में बने बरसाती नाले की सफाई के दृष्टिगत दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आवागमन के साथ साथ बरसाती पानी को घुसने से रोकने के लिए बनाए गए रैंप और चबूतरे इत्यादि अवैध कब्जे और अतिक्रमण के नाम पर प्रशासन के द्वारा तोड़ दिए गए थे । लेकिन इतना सब होने के बावजूद भी बरसात होने के बाद जलभराव से हालात बद से बदतर बने हुए दिखाई दिए ।

हेली मंडी व्यापार मंडल के अध्यक्ष रमेश गर्ग सेठी का कहना है कि सरकार किसी भी पार्टी की हो सरकार के खजाने में टैक्स के रूप में सभी छोटे बड़े व्यापारी अपना सहयोग ईमानदारी के साथ में देते आ रहे हैं। और इसी टैक्स के पैसे से समस्याओं के समाधान सहित व्यापारियों सहित आम आदमी की सुविधा के लिए प्रोजेक्ट भी बनाए जाते हैं । लेकिन हेली मंडी अनाज मंडी बीते कुछ वर्षों से एक कटोरी की तरह बना कर छोड़ दी गई है । इसका मुख्य कारण है अनाज मंडी परिसर के चारों तरफ जो भी कोई जिस प्रकार के विकास कार्य किए और करवाए गए वह सब बिना किसी ठोस योजना के ही किए गए हैं । जब भी कोई जलभराव जैसी समस्या हो एक दूसरे के सिर पर ठीकरा फोड़ते चले आ रहे हैं । लेकिन व्यापारियों के बरसाती पानी की वजह से जो कि एक प्रकार की प्राकृतिक आपदा के बराबर है से होने वाले नुकसान का आकलन करने के लिए प्रशासन की तरफ से किसी भी प्रकार की पहल नहीं की जा रही और ना ही व्यापारियों को हुए नुकसान के मुआवजे के विषय में किसी भी प्रकार की चर्चा करते हुए सुनवाई की जाती है । हेली मंडी अनाज मंडी के ही नरेश कुमार पिंटू, पवन कुमार अग्रवाल, मनीष जैन, हैप्पी जैन, सुशील कुमार लालू, योगेश गुप्ता सहित अन्य सभी दुकानदारों और व्यापारियों की पुरजोर मांग है कि हेली मंडी अनाज मंडी ही नहीं हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र से बरसाती पानी निकासी की सरकार के द्वारा दीर्घकालिक ठोस परियोजना बनाकर जल्द से जल्द समस्या का हमेशा के लिए समाधान करवाया जाना चाहिए।

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