दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराए गए फतेहाबाद के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. जिम्मी जिंदल को साढ़े पांच साल की सजा सुनाई गई. कोर्ट ने सजा के साथ 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया.

फतेहाबाद. दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराए गए फतेहाबाद के निजी अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. जिम्मी जिंदल को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलवंत सिंह की कोर्ट में बहस पूरी होने पर साढ़े पांच साल की कैद और 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई. कोर्ट ने धारा 376-सी में तहत डॉ. जिम्मी जिंदल को सजा सुनाई. इस धारा का मतलब है कि आपकी अथॉरिटी में ऐसी महिला है जो आप पर विश्वास करती है और कोई उसके विश्वास का लाभ उठाकर यदि दुष्कर्म करता है तो वह धारा 376-सी के तहत सजा का दोषी होगा.

डॉ. जिम्मी जिन्दल के वकील ने कोर्ट में डॉक्टर के लिए दया का आग्रह करते हुए कहा कि दोषी पर पहला अपराध तय हुआ है. दोषी शुगर का मरीज है और उसकी सेवाएं समाज को लाभ दे सकती हैं. साथ ही उसके बच्चे के दिल में छेद है, जिसका इलाज करवाना है. इस मामले में कम से कम सजा पांच साल है, इसलिए डॉक्टर को पांच साल की ही सजा दी जाए. इस दौरान कोर्ट में यह बात भी उठी कि डॉ. जिन्दल के खिलाफ पहले भी कोई केस दर्ज है तो मामला सामने आया कि उसके खिलाफ एक छेड़छाड़ का मामला भी दर्ज है, जो कि पेंडिंग है. अदालत ने दोनों पक्षों की जिरह सुनते हुए डॉ. को साढ़े पांच साल की कैद के साथ 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

याद रहे कि 25 अक्टूबर 2017 को डॉ. जिम्मी जिन्दल पर एक युवती ने नशीला पदार्थ खिलाकर अपने घर ले जाकर उसका रेप करने का आरोप लगाया था. यह युवती डॉक्टर से इलाज करवा रही थी. आरोप है कि डॉक्टर जिन्दल उसे बहला-फुसलाकर मॉडल टाऊन स्थित अपने घर ले गया और दुष्कर्म किया. इस घटना के बाद शहर में डॉक्टर के प्रति लोगों में खासा रोष देखने में आया था. यहां तक कि 27 अक्टूबर को गुस्साई भीड़ ने डॉक्टर के क्लीनिक में घुसकर डॉक्टर के साथ मारपीट की थी और तोड़फोड़ भी की थी.

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