-कमलेश भारतीय

हरियाणा सरकार हो या केंद्र सरकार ये लोगों की सरकार नहीं बल्कि चंद लोगों की सरकरें रह गयी हैं । यह बात आज आम आदमी की जुबान पर है । किसानों से पहले बातचीत का दिखावा किया जा रहा था, अब दिखावा खत्म और तमाशा शुरू कर दिया गया है । किसानों को पहले उकसाया जाता है , फिर लाठीचार्ज कर लहू-लुहान किया जाता है । यह कहना है हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुश्री सैलजा का । वे आज अर्बन एस्टेट स्थित अपने पैतृक आवास पर मीडिया से रूबरू थीं ।

एक सवाल के जवाब में सैलजा ने कहा कि चाहे मुख्यमंत्री हों या उप-मुख्यमंत्री इनके बयान चाहे अलग अलग हों लेकिन इनमें मिलीभगत है और यह ड्रामा कर रहे हैं । यदि उप-मुख्यमंत्री चाहे और एसडीएम पर कार्यवाही न हो , ऐसा कैसे हो सकता है पर दोनों में मिलीभगत जो है । करनाल हो या हिसार या हो सिरसा सब जगह किसानों को उकसा कर उन पर लाठियां बरसाई गयीं । समझौते करने के बाद भी केस दर्ज किये गये ।

मुख्य मंत्री का आरोप है कि कांग्रेस किसानों को आंदोलन के लिए उकसा रही है । इसके जवाब में सैलजा का कहना था कि कांग्रेस एक राजनीतिक पार्टी है और हर वर्ग की लड़ाई लड़ना इसका फर्ज है और इसी नाते किसानों की लड़ाई लड़ रही है लेकिन उकसाने का आरोप गलत है । यह बताइए कि किसानों को काले झंडे दिखाने की नौबत क्यों आई ? क्यों नहीं सरकार काले कृषि कानून रद्द करती ? हरियाणा कृषि प्रधान प्रदेश है और किसानों पर इस तरह अत्याचार करना कैसे उचित कहा जा”सकता है ? नौ माह से दिखावा भी रहा था और अब तमाशा होने लगा किसानों का साथ । शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार संविधान ने दे रखा है फिर इन पर लाठीचार्ज क्यों ? क्या आला अफसर की ऐसी भाषा होती है जो करनाल के एसडीएम ने बोली है ? सख्ती करने का मतलब लोकतंत्र में विश्वास नहीं रहा सरकार का । क्या बिना ऊपर से आदेश के एसडीएम ऐसा कदम उठा सकता था ?

सैलजा ने बढ़ती हुई महंगाई को भी निशाना पर लेते कहा कि कभी गैस सिलेंडर इतने रुपये में मिलेगा जनता ने सोचा था ? नहीं । अब जनमत सरकार के खिलाफ है ।

क्या पालिका चुनाव अपनी पार्टी के सितम्बर पर लड़ेगी कांग्रेस? जवाब में बताया कि फैसला करेंगे । इसी प्रकार संगठनात्मक सूची कब आयेगी पर पुराना जवाब शीघ्र ही ।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री अत्तर सिंह सैनी , सुभाष बतरा , हरपाल बूरा , जगन्नाथ, बजरंग दास गर्ग, भूपेंद्र गंगवा व लाल बहादुर खोवाल व बड़ी संख्या में कार्यकर्त्ता मौजूद थे ।

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