एसडीएम और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307 और अन्य धाराओं के तहत दर्ज हो मुकद्दमा: नफे सिंह राठी इनेलो प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधि मंडल ने करनाल के पुलिस अधीक्षक से मिल दी शिकायत कहा – यह हत्या का मामला बनता है और एसडीएम आयुष सिन्हा एवं अन्य पुलिस अधिकारी पूर्णतया इसके दोषी हैं करनाल, 30 अगस्त: इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेशाध्यक्ष नफे ङ्क्षसंह राठी की अध्यक्षता में इनेलो का एक प्रतिनिधि मंडल एसडीएम आयुष सिन्हा द्वारा किसानों पर लाठीचार्ज के आदेश देने के खिलाफ सोमवार को करनाल के पुलिस अधीक्षक से मिला और लिखित में शिकायत दी। शिकायत में तत्कालीन एसडीएम और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307 और अन्य धाराओं के तहत मुकद्दमा दर्ज करने और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। इनेलो नेता ने कहा कि करनाल में एसडीएम के पद पर तैनात आईएएस अधिकारी ने पुलिस को आदेश देते हुए कहा कि जो भी किसान इस लाइन से आगे आए तो उनका सिर फोड़ दें, जो की उकसाने वाला, गैर कानूनी और संविधान के खिलाफ है। एसडीएम के इस गैर कानूनी आदेश के बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया जिसमें 70 साल के बुजुर्गांे को भी नहीं छोड़ा गया और निर्दयता से खेतों में भगा भगा कर पिटा गया। निर्दोष किसानों के सिर फोड़े गए, उनकी टांगे, बांहे, और नाक की हड्डी तक तोड़ दी गई जिससे किसान बुरी तरह से जख्मी हुए हैं। पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में एक किसान को बेहद गंभीर चोटें आई जिस कारण सुशील काजल नाम के किसान की मृत्यु हो गई। यह सरासर हत्या का मामला बनता है और एसडीएम आयुष सिन्हा एवं अन्य पुलिस अधिकारी पूर्णतया इसके दोषी हैं। उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्वक अपना प्रदर्शन कर रहे थे जो कि उनका संवैधानिक अधिकार है। धारा 144 का मतलब यह नहीं है कि धारा का उल्लंघन करने पर किसानों का सिर फोड़ दिया जाए। प्रतिनिधि मंडल में श्याम सिंह राणा, प्रकाश भारती, रेखा राणा, यशवीर राणा, फूल सिंह मंजूरा, धर्मवीर पाढा एवं राष्ट्रीय जन लोक पार्टी के हरियाणा प्रभारी यशपाल सिंह उपस्थित रहे। Post navigation मुख्यमंत्री ने 19.82 करोड़ की 9 परियोजनाओं का किया उद्घाटन एवं शिलान्यास करनाल में किसानों का ‘सिर फोड़ने’ का आदेश देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा का तबादला