महम विधायक कुंडू ने करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की
लोकतंत्र को लाठी-गोली से दबाना चाहती है सरकार मगर नहीं होगी कामयाब- बलराज कुंडू

महम, 28 अगस्त : करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि सरकार ने अन्नदाताओं का लहू बहाकर एक बार फिर से पाप किया है जिसका हिसाब सरकार को देना पड़ेगा। सरकार याद रखे, किसानों के लहू का एक-एक कतरा आने वाले कल में इंकलाब लिखेगा। शुरू दिन से किसान आंदोलन के साथ खड़े रहे महम विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि करनाल में किसानों पर जिस तरह से बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया गया है उसकी तस्वीरें बेहद विचलित करने वाली हैं। देश का पेट भरने वाले अन्नदाताओं पर यह अत्याचार अंग्रेजी हुकूमत की यादें ताजा करता है। सरकारी तानाशाही का इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है कि अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर ड्यूटी मजिस्ट्रेट पुलिस फोर्स को एकत्रित करके सीधे-सीधे बोल रहे हैं कि जो भी आये उसे सीधे लट्ठ मारने हैं, बिना सिर फूटे कोई भी आगे नहीं निकलना चाहिए, क्या इस ड्यूटी मजिस्ट्रेट को सरकार ने जानबूझ कर किसानों के सिर फोड़ने और उनका लहू बहाने के लिये यहाँ पर तैनात किया था ?

 बलराज कुंडू ने कहा कि सरकार लाठी एवं गोली के दम पर लोकतंत्र की हत्या करना चाहती है लेकिन कभी भी अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाएगी। किसान आंदोलन अब पूरे मुल्क में फैलकर जनक्रांति का रूप ले चुका है। यह आंदोलन किसी की कुर्सी छीनने या किसी को कुर्सी देने का नहीं बल्कि किसान के भूखे और उसके बच्चों के भविष्य की लड़ाई है। संघर्ष बेशक लम्बा है लेकिन आखिर में जीत किसानों की ही होगी।

बलराज कुंडू ने कहा कि जहां पर लाठीचार्ज किया गया वह स्थान भाजपा के कार्यक्रम स्थल से भी कई किलोमीटर दूर है और ऐसी जगह पर सरेआम किसानों का लहू बहाना इस बात को साबित करता है कि सरकार की नीयत में पहले से खोट था और इसीलिये जानबूझ कर किसानों पर लड़ियाँ बरसाई गयी हैं।कुंडू ने इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए हिरासत में लिए गए सभी किसानों की तुरन्त रिहाई की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि अपने हकों के लिये आवाज उठाने और धरने, प्रदर्शन तथा आंदोलन करने का अधिकार हमें हमारे संविधान ने दिया है और ये अधिकार कोई नहीं छीन पायेगा।

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