-साजिश के तहत पिछड़ा वर्ग का आरक्षण समाप्त करने को तुली थी सरकार

हांसी  27 अगस्त,  । मनमोहन शर्मा

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछड़ा वर्ग क्रीमीलेयर से संबंधित हरियाणा सरकार की अधिसूचना को निरस्त करने के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि इस फैसले के बाद सरकार की पिछड़ा वर्ग के सवैंधानिक आधार को समाप्त करने की नीयत को झटका लगा है।

 उन्होंने हरियाणा सरकार से मांग करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को तुरंत प्रभाव से लागू करे।

कुमारी सैलजा ने कहा कि वर्ष 2016 में सरकार ने पिछड़ा वर्ग को मिले सवैंधानिक आधार को समाप्त करने की साजिश रची थी और एक अधिसूचना चुपके से जारी कर दी। सरकार ने साजिश के तहत इस अधिसूचना को 2 सालों तक छिपाकर रखा, लेकिन 2018 में सरकार की पोल खुल गई।

कुमारी सैलजा ने कहा कि हमेशा से दलित व पिछड़ा वर्ग विरोधी रही भाजपा सरकार कि जब पोल खुली तो इसका पूरे देश में विरोध शुरू हो गया था। असल में सरकार की नीयत पिछड़ा वर्ग को दबाने की थी और पिछड़ा वर्ग से संबंधित बच्चों को नौकरियों व दाखिले से वंचित रखने की थी।

कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार की पिछड़ा वर्ग विरोधी नीति का अंजाम यह रहा कि 2018 में पिछड़ा वर्ग के संबंधित अनेक बच्चे मेडिकल व अन्य संस्थानों में दाखिला लेने से वंचित रह गए थे। एक साजिश के तहत पिछड़ा वर्ग में कर्मचारियों के वेतन की आय, कृषक वर्ग की आय को शामिल कर दिया गया था, जिससे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का बेटा भी आरक्षण से दूर हो गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने पिछड़ा वर्ग को उसका हक दिलवाते हुए सरकार की अधिसूचना को निरस्त कर दिया है। सरकार ने क्रीमीलेयर छह लाख की बजाय तीन लाख कर कर दी। जिससे तीन से छह लाख तक की आय के दायरे में आने वाले ओबीसी वर्ग के लोगों पर प्रभाव पड़ा था। उन्होंने कहा कि इसके लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा हरियाणा व अन्य लोग भी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने कानूनी और सामाजिक रूप से लड़ाई लड़कर ओबीसी वर्ग को न्याय दिलाया।

कुमारी सैलजा ने कहा कि अब एक बार फिर पिछड़ा वर्ग के बच्चे अपने हक के तहत आरक्षण ले पाएंगे। यह भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों पर गंभीर चोट व पिछडा़ वर्ग की जीत है।

error: Content is protected !!