गुडग़ांव, 25 अगस्त (अशोक): औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। श्रमिक संगठन कंपनी प्रबंधनों पर आरोप लगाते रहे हैं कि वे श्रम कानूनों की उल्लंघना कर श्रमिकों का शोषण करने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। बुधवार को मुंजाल शोवा की दोनों यूनिटों की श्रमिक यूनियनों ने श्रमिक संगठन एटक के जिला महासचिव अनिल पंवार से भेंट कर अपनी समस्याएं बताई। अनिल पंवार ने बताया कि दोनों यूनिटों की श्रमिक यूनियनों ने प्रबंधन की तानाशाही की पूरी जानकारी दी।

उनका कहना है कि पीडि़त श्रमिक आंदोलन शुरु करने की बात भी कह रहे हैं। उनका कहना है कि श्रमिक यूनियन श्रम विभाग पर भी आरोप लगा रही है कि श्रम विभाग श्रमिकों की नहीं सुनता, अपितु प्रबंधन की बातों पर ही अधिक यकीन करता है। जिससे श्रमिकों में रोष व्याप्त होता जा रहा है। पहले तो कोई समझौता होती नहीं,यदि कोई समझौता हो भी जाता है तो उस समझौते की पालना श्रम विभाग कंपनी प्रबंधन से नहीं करा पाता। अब श्रम विभाग से भी श्रमिक यूनियनों का विश्वास उठता जा रहा है। अब श्रमिकों के सामने आंदोलन करने के सिवाय और कोई चारा नहीं बचा है। उच्च न्यायालय में भी दस्तक देने की बात श्रमिक नेताओं ने की है।

अनिल पंवार ने बतया कि मुंजाल शोवा के श्रमिक नेताओं के साथ की गई बैठक में निर्णय लिया गया है कि अन्य श्रमिक यूनियनों के सहयोग से बड़ा आंदोलन शुरु किया जाए, ताकि श्रमिकों को न्याय मिल सके और प्रबंधन की श्रमिक विरोधी कार्यवाही को नियंत्रित किया जा सके। प्रबंधन बेवजह ही श्रमिकों को नौकरी से निकाल रहा है और श्रमिकों में पुलिस व जिला प्रशासन का भय दिखाकर डराया जा रहा है। अनुचित श्रम अभ्यास जारी है। गैर कानूनी वेतन से कटौती की जा रही है। इन सबसे तभी निजात मिल पाएगी, जब बड़ा आंदोलन शुरु किया जाए।

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