-हरियाणा के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर कार्रवाई करने को कहा
-मानव आवाज संस्था ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व सीबीआई को की थी शिकायत
-प्रभावशाली नेता का पेट्रोप पंप लगवाने को नगर निगम के अधिकारी तत्पर
-डीएलएफ फेज-1 में पेट्रोल पंप लगाने को नगर निगम ने दी थी अनुमति

गुरुग्राम। एक तरफ तो एक प्रभावशाली नेता का वन क्षेत्र में पेट्रोल पंप लगवाने को नगर निगम के अधिकारी तत्पर हैं, वहीं दूसरी तरफ ग्रीन बेल्ट में नियमों के खिलाफ इस पेट्रोल पंप के आवंटन को लेकर गुरुग्राम की मानव आवाज संस्था आवाज उठा रही है। इसी आवाज को सुनकर अब सीबीआई भी हरकत में आई है और मानव आवाज की शिकायत पर संज्ञान लिया है। सीबीआई की तरफ से इस पर संज्ञान लेते हुए हरियाणा के मुख्य सचिव को इस मामले में कार्रवाई करने को कहा गया है।

गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-1 में वन विभाग के क्षेत्र में पेट्रोल पंप लगवाने की कार्यवाही की मानव आवाज द्वारा दायर याचिका पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने कड़ा संज्ञान लिया था। एनजीटी ने गुरुग्राम के जिला उपायुक्त को इस मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। जिसके बाद वन विभाग ने जांच-पड़ताल करके रिपोर्ट जिला उपायुक्त को सौंप दी। रिपोर्ट में कहा गया कि अरावली की जमीन पर पेट्रोल पंप लगाना सही नहीं है। नगर निगम कहीं और जमीन इसके लिए दे सकता है। यानी तस्वीर साफ हो गई कि वन विभाग के क्षेत्र में पेट्रोल पंप नहीं लगाया जा सकता। इसके बाद भी पेट्रोल पंप लगाने के लिए आला अधिकारी गुपचुप तरीके से काम कर रहे हैं। इसकी भनक लगते ही मानव आवाज संस्था के संयोजक एडवोकेट अभय जैन ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और सीबीआई को तथ्यों के साथ इस मुद्दे पर शिकायत भेजी। एक तरह से यह भ्रष्टाचार का भी मामला साबित होता है। एडवोकेट अभय जैन ने पत्र में लिखा है कि प्रभावशाली नेता के प्रभाव के चलते वन विभाग के क्षेत्र में यह पेट्रोल पंप लगाने में अधिकारी जोर लगा रहे हैं। एनजीटी के पूर्व में दिए गए आदेशों को भी दरकिनार किया जा रहा है। कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।  

नगर निगम, इंडियन ऑयल पर उठ रहे सवाल
सीबीआई की एंटी क्रप्शन ब्रांच ने मानव आवाज के पत्र पर संज्ञान लेते हुए पर्यावरण मंत्रालय और इंडियन ऑयल कारपोरेशन के चीफ विजिलेंस के अफसरों को भी पत्र भेज कार्यवाही करने को कहा है। सीबीआई की ओर से हरियाणा के मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है। जिसमें कहा गया है कि ऐसा क्यों हो रहा है कि वन क्षेत्र में ही पेट्रोल पंप लगाने में अधिक दिलचस्पी दिखाई जा रही है। इस मामले में कार्रवाई की जाए। एडवोकेट अभय जैन के मुताबिक सभी विभागों पर इस मामले में सवाल खड़े हो रहे हैं। पहले तो नगर निगम ने वन विभाग क्षेत्र में पेट्रोप पंप लगाने की अनुमति कैसे दी। दूसरे इंडियन ऑयल ने भी इस नियम को ताक पर रखकर पेट्रोप पंप आवंटित कर दिया।  

15 मार्च 2019 को नगर निगम ने दी थी अनुमति
अभय जैन एडवोकेट ने बताया कि गुरुग्राम नगर निगम ने 15 मार्च 2019 को यहां डीएलएफ फेज-1 में वन विभाग के 1500 स्क्वेयर मीटर क्षेत्रफल में पेट्रोल पंप स्थापित करने की अनुमति दी थी। एनजीटी में एडवोकेट रिषभ जैन एडवोकेट ने मानव आवाज की ओर से इस मामले में पैरवी की। जिस पर एनजीटी ने गुरुग्राम के उपायुक्त को जांच के आदेश देकर रिपोर्ट पेश करने को कहा। बीती 9 फरवरी 2021 को एनजीटी में इस मामले में आदेश पारित किए थे कि गुरुग्राम नगर निगम ने वन विभाग क्षेत्र में पेट्रोल पंप लगाने की अनुमति देकर गलत काम किया है।