रेवाड़ी, 22 अगस्त 2021- स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि हरियाणा में पिछड़ा वर्ग जातिगत जनगणना व ओबीसी जातिगत गणना के लिए लामबद्ध होकर अपनी आवाज उठा रहा है। विद्रोही ने कहा कि इस दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए महम चौबीसी चबूतरे पर 29 अगस्त रविवार को पिछड़े वर्ग की महापंचायत हो रही है जिसमें प्रदेशभर के पिछड़े वर्ग के लोग तो भाग लेंगे ही, साथ में देश के पिछड़े वर्ग के कई जाने-पहचाने गैर-राजनीतिक नेता भी शामिल होंगे। सवाल उठता है कि जब पूरे प्रदेश का पिछडा वर्ग जातिगत जनगणना की मांग कर रहा है तो मोदी-भाजपा संघी सरकार को जातिगत जनगणना करवाने में आपत्ति क्या है?        

विद्रोही ने कहा कि अपने को ओबीसी हितैषी होने का दम भरने वाली मोदी सरकार चाहे जितना पिछडा वर्ग हितैषी होने का ढोंग कर ले, पर सभी जानते है कि यह सरकार संघ के मनुवादी एजेंडे पर चलकर पिछडे, दलित, आविवासी व कमजोर तबके को कुचलकर उन्हे अपना दास बनाना चाहती है। वोट बैंक की राजनीति खातिर मोदी-भाजपा-संघ जो चाहे ढोंग करके पिछडे, दलित को ठगने का कुप्रयास करे, पर मानसिक रूप से इन वर्गो का विरोध वह चाहकर भी छुपा नही पाते। विद्रोही ने सवाल किया कि जब सरकार को अधिकृत रूप से यह पता ही नही है कि पिछडो की वास्तविक तादाद कितनी है तो वह उनके हित में योजना क्या खाक बनाएगी?            

विद्रोही ने कहा जब सरकार दलितों, आदिवासियों, धर्म, अल्पसंख्यक की धर्म वाईज जातिगत जनगणना कर सकती तो उसे ओबीसी की जातिगत जनगणना से आपत्ति क्या है? सरकार का यह दोगला रवैया बताता है कि मोदी-भाजपा सरकार पिछडे वर्ग को उसका वाजिब हक देने को तैयार नही है। विद्रोही ने मांग की कि सरकार जातिगत जनगणना करवाये अन्यथा पिछडा वर्ग जनगणना का ही बहिष्कार करने को बाध्य हो जायेगा। 

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