ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है, विश्वास कीजिए कहा गया है विधानसभा में !

चंडीगढ़, 20 अगस्त- हरियाणा में कोविड की शुरुआत के साथ ही राज्य सरकार ने सक्रिय कदम उठाते हुए 1,127 सुविधाओं (डीसीएच, डीसीएचसी, डीसीसीसी) की स्थापना की, जिसमें 68 डेडीकेटेड कोविड अस्पताल, (डीसीएच), 564 डेडीकेटेड कोविड स्वास्थ्य केन्द्रों सहित 495 डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर के माध्यम से कोविड रोगियों को उचित उपचार उपलब्ध कराया जा सके।  विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज की अनुपस्थिति में सहकारिता मंत्री डॉक्टर बनवारीलाल ने सवालों के जवाब में देते हुए बताया कि राज्य में बिस्तर, ऑक्सीजन, उपकरण आदि की पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने विस्तार से बताया कि राज्य में वर्तमान में 61,096 आइसोलेशन बेड, बाल रोगियों के लिए 4,040 आइसोलेशन बेड, 14,362 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, पीडियाट्रिक रोगियों के लिए 3,286 ऑक्सीजन आइसोलेशन बेड, 5,069 आईसीयू बेड और 1535 आईसीयू पीडियाट्रिक बेड, 708 नियोनेटल आईसीयू बेड, 827 पीडियाट्रिक आईसीयू बेड, 2,058 वेंटिलेटर और 426 बाल चिकित्सा वेंटिलेटर हैं। 

परिवारों के लिए वित्तीय सहायता के संबंध में मंत्री ने कहा कि हरियाणा राज्य बीपीएल कार्ड धारकों को 2 लाख रुपये का अनुग्रह मुआवजा दिया गया है और 5 लाख रुपये का विशेष अनुग्रह अनुदान दिया गया है, जिनकी मृत्यु कोविड के कारण हुई है। इसके अलावा, कोविड योद्धाओं के परिवारों को 20 लाख रुपये की विशेष अनुकंपा वित्तीय सहायता दी गई, विशेष रूप से कोविड के प्रबंधन या आवश्यक सेवाओं के रखरखाव से संबंधित, जिनकी सक्रिय कोविड ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाती है। 

इसके अलावा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत, कोविड-19 से लडऩे वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए, कोविड-19 ड्यूटी के लिए तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं सहित स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए 50 लाख रुपये की बीमा योजना है।
  कोविड ड्यूटी के लिए तैनात कुल 26 स्वास्थ्य कर्मियों (9 डॉक्टर, 2 आयुष डॉक्टर, 8 पैरामेडिकल स्टाफ, 2 आशा कार्यकर्ता और 5 अन्य कर्मचारी) ने अपनी जान गंवाई है, जिन्हें जीवन बीमा प्रदान किया गया था। उन्होंने विस्तार से बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों के बावजूद, 9,635 कोविड मौतों की सूचना दी गई और प्रत्येक मामले में मृत्यु के कारणों का मूल्यांकन करने के लिए जिला स्तरीय मृत्यु लेखा परीक्षा समितियों का गठन किया गया और तदनुसार सुधारात्मक उपाय किए गए।

उन्होंने बताया कि ’राज्य में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति है’। दूूसरी लहर के दौरान कोविड के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए राज्य ने ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए सक्रिय कदम उठाए और सभी सरकारी और निजी कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए गए।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 31 पीएसए प्लांट, 4,585 ऑक्सीजन कंसंटेटर, 3400 डी-टाइप और 6873 बी-टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर और लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक स्थापित करके अपनी ऑक्सीजन क्षमता को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को प्रति माह 1,000 रुपये और आशा वर्करों को 500 रुपये प्रति माह की प्रोत्साहन राशि अप्रैल 2020 से प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, आशा कार्यकर्ताओं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और शहरी स्वास्थ्य मिशन के कार्यकर्ताओं, जिनके पास परिवार पहचान पत्र आईडी है, को 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

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