प्लाटों का यह मामला पटौदी विधानसभा क्षेत्र के गांव मिलकपुर का.
महात्मा गांधी ग्रामीण आवास योजना के तहत अलाट हुए 42 प्लाट.
एक दशक बीतने के बाद भी रजिस्ट्री के बावजूद नहीं मिला कब्जा

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।   एक वर्ष,  2 वर्ष , 5 वर्ष और 10 वर्ष । एक नहीं, दो नहीं, तीन सरकार बदल गई। नहीं बदली तो गरीब ग्रामीणों की किस्मत नहीं बदली। प्लाट की रजिस्ट्री ग्रामीणों के नाम हो चुकी हैं , लेकिन प्लाट कहां है और कब कब्जा मिलेगा , यह मामला एक दशक से हवा में ही लटका हुआ है। इस दौरान अनेकों बार लाभार्थी शासन प्रशासन के सामने गुहार लगा चुके हैं , लिखित में आवेदन कर चुके हैं । लेकिन प्लाटों की निशानदेही करके लाभार्थियों को कब्जा नहीं दिया जा रहा है ।

अंततः लाभार्थी परिवारों की महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा और ग्रामीण महिलाओं ने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा है की प्लाटों का जल्द ही कब्जा नहीं मिला तो बीडीपीओ पटौदी ऑफिस परिसर में ही अपना बसेरा डाल दिया जाएगा । शुक्रवार को महात्मा गांधी ग्रामीण आवास योजना के तहत भूमिहीन कामगारों को जो प्लाट अलाट किए गए थे , इन प्लाटों का अभी तक कब्जा नहीं मिलने के कारण लाभार्थी परिवारों की महिलाओं के द्वारा जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया । विरोध प्रदर्शन के साथ ही सरकार सहित स्थानीय शासन प्रशासन और संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी खूब खरी-खोटी सुना दी गई ।

पटौदी विधानसभा क्षेत्र के गांव मिलकपुर में महात्मा गांधी ग्रामीण आवास  भूमिहीन कामगारों को प्लाट अलामेंट योजना के लाभार्थी परिवारों की महिलाओं में सरोज, सुशीला, सुमन, कमला, मंजू देवी, मीना देवी, महेंद्री, बीना देवी, मीना कुमारी, इंदिरा देवी, मीरा देवी, सहित अन्य महिलाओं ने आरोप लगाया कि बीते काफी लंबे समय से गुरुग्राम से लेकर पटौदी तक अनेकों बार सरकारी योजना के तहत उपलब्ध करवाए गए प्लाटों की रजिस्ट्री हाथों में लेकर प्लाटों की निशानदेही और कब्जे के लिए चक्कर काट चुके हैं । लेकिन संबंधित विभाग और अधिकारी कोई तवज्जो नहीं दे रहे हैं । जब से हरियाणा में बीजेपी सरकार और इसके बाद में बीजेपी दो सरकार बनी है, उसके बाद से बहुत से गांवों में इसी योजना के लाभार्थियों को प्लाटों की निशानदेही कर के कब्जे दिए जा चुके हैं । लेकिन ऐसा क्या कारण है कि गांव मिलकपुर में सरकारी योजना के लाभार्थियों को उनके लाभ से दूर रखा हुआ है । वहीं सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और जेजेपी गठबंधन की सरकार बनने के बाद गांव मिलकपुर में महात्मा गांधी ग्रामीण आवास योजना के लाभार्थियों की फाइल चंडीगढ़ से चलकर आवश्यक कार्यवाही के लिए जिला मुख्यालय गुरुग्राम के साथ-साथ संबंधित विभाग के पटौदी कार्यालय में भी पहुंच चुकी है। वही ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इस संदर्भ में व्यक्तिगत रूप से भी बीडीपीओ पटौदी कार्यालय में कई बार लिखित में अनुरोध किया जा चुका है कि लाभार्थियों के प्लाटों की निशानदेही करके जल्द से जल्द कब्जा दिलाया जाए।

योजना के लाभार्थी महिलाओं का कहना है कि गांव में जहां पंचायती जमीन पर वह अपना ईंधन या पालतू मवेशी इत्यादि बांध लिया करते थे अब उस स्थान पर भी पाबंदी लगा दी गई है । ऐसे में गंभीर संकट लाभार्थी गरीब परिवारों के सामने खड़ा हो गया है। महात्मा गांधी ग्रामीण आवास योजना के तहत लाभार्थी परिवारों की महिलाओं का यहां तक आरोप है कि जानबूझकर इस मामले को लटकाया जा रहा है । वहीं सूत्रों के मुताबिक लाभार्थियों को जो प्लाट अलाट किए गए हैं , उस स्थान के रकबे को लेकर शिक्षा विभाग के साथ में राजस्व रिकॉर्ड में कथित मामूली सी गलती की वजह से यह मामला बीरबल की खिचड़ी बना दिया गया है । इस पूरे प्रकरण में लाभार्थी परिवारों की महिलाओं का कहना है कि अब पानी सिर के ऊपर से गुजर चुका है और कुछ लोगों के द्वारा कथित रूप से जानबूझकर अड़चनें पैदा की जा रही है । विरोध प्रदर्शन करने वाली महिलाओं ने तो गुस्से में यहां तक कह दिया कि एक सप्ताह के दौरान लाभार्थियों के सभी प्लाटों की निशानदेही करके कब्जे नहीं दिए गए तो अपने पालतू मवेशी ,बच्चों, बर्तनों ,चूल्हे चौके सहित अपना नया बसेरा बीडीपीओ कार्यालय परिसर को ही बना लिया जाएगा। इन सब हालात के लिए संबंधित अधिकारी और शासन-प्रशासन ही जिम्मेदार रहेगा।

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