स्वतंत्रता सेनानियों को सरकार की ओर से भेजे गए उपहार भेंट. राव परमानंद ने सुभाष चंद्र बोस के साथ बिताये पल याद किये फतह सिंह उजालापटौदी। तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा का नारा देकर देश के प्रत्येक नागरिक के दिलों में देश भक्ति का जज्बा पैदा करने वाले नेता जी सुभाष चंद्र बोस का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश के नाम कर दिया था। अंतिम सांस तक देश की आजादी के लिए संघर्ष करते रहे। यह बात नायब तहसीलदार चौधरी रणसिंह गौदारा ने खंड के गांव फाजिलपुर बादली और ताजनगर में कहे। वह नेता जी सुभाष चंद्र बोस की सेना के सच्चे सिपाही रहे स्वतंत्रता सेनानी 103 वर्षीय राव परमानंद गिरदावर व स्व. राव रामजी लाल की पत्नी कमला यादव ताजनगर को सरकार की ओर से भेजे गए उपहार , शॉल, फूलमालाओं के साथ उनका सम्मान करने पहुंचे थे। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी राव परमानंद गिरदावर व विरांगना कमला यादव की चरण वंदना के उपरांत उनका सम्मान किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले यह महान पुरुष हिंदुस्तान के कोहिनूर है। इनका सम्मान करना अपने आप में फर्क की बात है। युवाओं को इनसे प्ररेणा लेकर देश व समाज के उत्तथान में अपना अहम किरदार निभाने के लिए तत्पर रहना चाहिए। इनके अधूरे सपनों को साकार करना ही अमर शहीदों के लिए सच्ची श्रद्धांजली है। स्वतंत्रता सेनानियों व अमर शहिदों के परिजनों का सम्मान करे और उनके अधूरे सपनों को साकार करने में अहम भूमिका निभाएं। इस मौके पर स्वतंत्रता सेनानी राव परमानंद गिरदावर ने बुलंद आवाज में नेता जी सुभाष चंद्र बोस के साथ व्यतीत किए सुनहेरे पल को याद किया और अंग्रेजी हकूमत के दौरान दी गई यातनाओं को सुना कर ग्रामीणों में देश भक्ति का जूनून पैदा कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें फर्क है कि उन्हें नेता जी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में देश को आजादी दिलाने की जंग लड़ी और मां भारती को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति दिलाई । इस मौके पर सरपंच गोविंद यादव, पूर्व सरपंच कैप्टन राव ईश्वर सिंह, लम्बरदार धर्मबीर सिंह, पूर्व इंजिनियर राजेंद्र सिंह यादव, नरेश शर्मा, राजीव यादव, अशोक कुमार , मनोज कुमार यादव आदि मौजूद थे। Post navigation देश का सिपाही हूं, बोलो मेरे संग , जय हिंद जय हिद बीजेपी की दलित विरोधी नीति के चलते हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग कानून लागू होने के दो वर्षों बाद भी आयोग का गठन नहीं : सुनीता वर्मा