डायल 112 के गुरुग्राम स्थित मिरर कंट्रोल रूम में एक महीने में आई 66 हजार 560 कॉल

– त्वरिक्त सहायता के उद्देश्य से शुरू हुई हेल्पलाइन 112 सेवा काफी कारगर साबित हो रही है*
– *जिला में मदद के लिए 15 से 20 मिनट में पहुँच रही है डायल -112 सेवा*
 – हेल्पलाइन-112 के तहत गुरुग्राम पुलिस को मिले है 73 इमरजेंसी रेस्पॉन्स व्हीकल

गुरुग्राम, 13 अगस्त।*प्रदेश में पुलिस, अग्निशमन और एंबुलेंस जैसी आपात स्थिति के लिए 12 जुलाई को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा शुरू की गई हेल्पलाइन सेवा का सफलतापूर्वक एक महीना पूरा हो गया है। इस हेल्पलाइन सेवा के तहत गुरुग्राम में बनाये गए मिरर कंट्रोल रूम में इस एक महीने की अवधि में पूरे प्रदेश से  66 हजार 560 काल प्राप्त हुई है। इसके तहत कॉल प्राप्त होते ही मदद मांगने वाले व्यक्ति को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई गई।जिला उपायुक्त डॉ यश गर्ग ने बताया कि त्वरित सहायता के उद्देश्य से शुरू की गई यह हेल्प लाइन जिला में काफी कारगर साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि अब आपातकालीन सेवाओं के लिए अलग अलग नम्बर डायल करने की बजाय तीनों आपात सेवाएं पुलिस, अग्निशमन व एम्बुलेंस के लिए अपने फ़ोन से 112 डायल कर इसका लाभ ले सकते है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने पुलिस की आपात सेवा डायल 100, अग्निशमन के लिए 102 व एम्बुलेंस के लिए डायल 108 सेवा को मर्ज कर डायल 112 से जोड़ दिया है। अब किसी भी आपात स्थिति में गुरुग्रामवासी इस नंबर को डायल कर उपर्युक्त सेवाओं का लाभ ले सकते है।

कैसे काम करती है डायल 112:*जिला में आपात स्थिति में किसी भी व्यक्ति द्वारा यह नंबर डायल करने पर उसकी कॉल सीधी पंचकूला में बनाए गए कंट्रोल टावर में कनेक्ट होगी। यदि पंचकूला में सभी लाइन व्यस्त है तो कॉल ऑटोमेटिक गुरुग्राम में बनाये गए मिरर कंट्रोल रूम में ट्रांसफर हो जाएगी। कंट्रोल टावर से कॉल जुड़ने के पश्चात कॉल को संबंधित व्यक्ति के नजदीकी इमरजेंसी रेस्पांस व्हीकल से कनेक्ट कर इसकी जानकारी प्रदान की जाएगी।डॉ गर्ग ने कहा कि  इस पूरी प्रकिया के माध्यम से आपात स्थिति में कॉल करने वाले व्यक्ति तक शहरी क्षेत्र में 15 मिनट व ग्रामीण क्षेत्रो में 20 मिनट में आपात सेवाएं पहुँचाकर उसकी हर संभव मदद की जा रही है

पीएफटी से लैस है डायल 112 वाहन :*डॉ गर्ग ने बताया कि डायल 112 सेवा से जुड़े प्रत्येक वाहन पर 3 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। साथ ही  वाहन के डैशबोर्ड पर आधुनिक पीएफटी यानी पोर्टेबल फील्ड टेबलेट लगाए गए है जोकि सीधे  कंट्रोल रूम से जोड़े गए है। इसके साथ ही सभी वाहनों पर जीपीएस सिस्टम भी लगाया गया जिससे मुख्यालय द्वारा वाहन की मूवमेंट भी ट्रेस की जा रही है

चार भाषाओं में  सेवा दे रही है डायल 112 हेल्पलाइन:*हेल्पलाइन 112 पर शिकायतकर्ता चार भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, हरियाणवी व पंजाबी में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते है।इसके लिए कंट्रोल रूम में विशेष रूप से प्रशिक्षित लोगों की नियुक्तियां की गई है।

गुरुग्राम कंट्रोल रूम के इंचार्ज एवं डीएसपी टेलीकॉम रणबीर देशवाल ने बताया कि कंट्रोल रूम में डायल 112 सेवा में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो  इसके लिए चार टेलीकॉम सेवा प्रदान करने वाली कंपनी की सेवाएं ली जा रही है। जिसमे में प्रत्येक कनेक्शन पर 30 लाइन्स चालू की गई है।*ईआरवी के समय की मॉनिटरिंग :*श्री देशवाल ने बताया कि कॉल सेंटर में आने वाली कॉल के  उपरांत ईआरवी को कॉल करने वाले व्यक्ति तक पहुँचने में कितना समय लगा। इसकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जा रही है। यदि कोई ईआरवी निर्धारित समय से लेट पहुँचती है तो  इसकी जानकारी ईआरवी सेवा के नोडल अधिकारी एसीपी संजीव बल्हारा व एसीपी हेडक्वार्टर उषा कुंडू को स्थानांतरित की जा रही है।उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम मॉनीटिरिंग विभाग के माध्यम से भेजी गई जानकारी के आधार पर उपरोक्त दोनों अधिकारियों द्वारा संबंधित ईआरवी के कर्मियों से लेट होने के कारण संबंधी स्पष्टिकरण भी मंगाए जा रहे है।

आपात स्थिति में एम्बुलेंस की सेवा भी दे रही है ईआरवी:*रणबीर देशवाल ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं जैसी स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति के लिए डायल 112 वाहन में       स्ट्रेचर आदि की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि डायल 112 से जुड़ी ईआरवी में तैनात सभी कर्मियों को यह निर्देश दिए गए है कि स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति में एम्बुलेंस का इंतजार किये बिना डायल 112 ईआरवी के माध्यम से संबंधित व्यक्ति को जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल में भर्ती किया जाए।

गुरुग्राम जिला को मिली  है 73 ईआरवी:*श्री देशवाल ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जिला में स्थित सभी थानों को 2 -2 की संख्या में इमरजेंसी रेस्पांस व्हीकल प्रदान किये गए है। वही शिवाजी नगर थाने के लिए  3 ईआरवी प्रदान की गई है।

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