कोविड के बावजूद नाबार्ड से वित्तीय सहायता प्राप्त करने में हरियाणा देश में सबसे अग्रणी रहा

चण्डीगढ़, 12 अगस्त – कोविड के बावजूद नाबार्ड से वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले वर्ष 2020-21 में 44 प्रतिशत अधिक वित्तीय सहायता प्राप्त करने में हरियाणा देश में सबसे अग्रणी रहा । इसके अतिरिक्त, राज्य  वर्ष 2014-15 में 468 करोड़ रुपये के मुकाबले वर्ष 2020-21 में कोविड के बावजूद 1030 करोड़ रुपये  की वित्तीय सहायता लेने में सक्षम रहा। यह बात आज यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने नाबार्ड के चैयरमैन डॉ. जी.आर. चिंतला तथा विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ नाबार्ड द्वारा पोषित विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में कही।

मुख्यमंत्री ने नाबार्ड से प्रदेश के किसानों तथा सहकारी क्षेत्र से जुडें हितधारकों के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण शुरू करने का आग्रह किया। इसके अलावा, उन्होंने प्रदेश में नाबार्ड द्वारा पोषित विभिन्न परियोजनाओं के लिए तय समय सीमा को बढाने के लिए भी कहा।

बैठक में शिक्षा मंत्री कंवरपाल, बिजली मंत्री श्री रणजीत चौटाला, सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे पी दलाल तथा महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नजदीक होने के कारण केंद्र की योजनाओं का लाभ लेने और हर क्षेत्र में तरक्की की ओर अग्रसर है। हरियाणा को पहले केवल कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जाता था, लेकिन आज यह देश की सबसे अग्रणी औद्योगिक और सेवा क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में पिछले 10 वर्षों में देश में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है और इसे लगातार देश के शीर्ष तीन सबसे तेजी से बढऩे वाले राज्यों में स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से बिजली क्षेत्र में लाइन लोस  कम करके सुधार किया है।उद्योगों को निर्बाध रूप से बिजली सप्लाई दी जा रही है। इसके अलावा प्रदेश के युवाओं के लिए  नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य है इसके लिए सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं और इसे 2025 तक पूर्ण रूप से लागू किया जायेगा।

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में नाबार्ड द्वारा ग्रामीण आधारभूत संरचना फण्ड के तहत 1996 से लेकर अब तक 6668 परियोजनाएं अनुमोदित की गई हैं जिन पर लगभग 11151 करोड के लोन अनुमोदित  किये हैं। इन परियोजनाओं में से 3451 परियोजनाएं पूरी कर ली गई हैं तथा 1857 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020-21 कोरोना काल के दौरान भी 1130 करोड की परियोजनाएं अनुमोदित की गई। उन्होंने बताया कि राज्य 2014-15 में 468 करोड़ रुपये के ऋण के मुकाबले 2020-21 में कोविड के बावजूद 1030 करोड़ रुपये लेने में सक्षम रहा।

चालू वित वर्ष में सरकार ने 1565 करोड़ रुपये की 6 परियोजनाएं अनुमोदन हेतु भेजी गई। जिनमें से 737 करोड़ रुपये की ऋण राशि वाली 3 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं और शेष 3 परियोजनाएं नाबार्ड के विचाराधीन हैं। जिनमें जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सडके), सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, हरेडा की परियोजनाएं शामिल हैं।

इसके अलावा, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी वी एस एन प्रसाद ने बैठक में सूक्ष्म सिंचाई, भंडारण, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी प्रसंस्करण और मत्स्य के बुनियादी ढांचा फण्ड के बारे में भी प्रस्तुति दी। अंतरराष्ट्रीय बागवानी बाजार, गन्नौर सोनीपत की स्थापना के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि इस मंडी को 545 एकड भूमि पर बनाया जा रहा है जिसके लिए नाबार्ड  1600 करोड की सहायता प्रदान कर रहा है।

बैठक में प्रदेश की 1 लाख एकड़ जलभराव और लवणीय भूमि को उपजाऊ बनाने की परियोजना पर नाबार्ड की सहायता से पीपीपी मोड के माध्यम से कार्य करने के प्रस्ताव को भी शामिल किया गया।

नाबार्ड के चैयरमैन श्री चिंतला ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में नाबार्ड की सहायता से चलाई जा रही परियोजनाओं के लिए हर संभव वित्त सहायता का आश्वासन दिया।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री की उपप्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड एवं विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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