सरकार की नाकामियों से हरियाणा बेरोजगारी के मामले में फिर देश में सर्वोच्च शिखर पर काबिज हो गया है- सैलजा चंडीगढ़,12 अगस्त – हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि लगातार घटते रोजगारों के चलते हरियाणा में बेरोजगारी की दर देश की औसत बेरोजगारी दर से चार गुणा से अधिक पहुंच गई है। प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार नए रोजगार सृजित करने में तो विफल रही ही है, रोजगार के मौजूदा अवसरों को घटने से रोकने में भी नाकाम साबित हुई है। यह सरकार सिर्फ बयानबाजी की सरकार है, जिसे अपने प्रदेश के युवाओं की नौकरियां जाने के बाद भी उनकी कोई चिंता नहीं है। यहां जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के ताजा आंकड़ों को देखें तो जुलाई महीने में देश में बेरोजगारी की औसत दर 7 प्रतिशत रही है। जबकि, हरियाणा में यह इसके मुकाबले 4 गुणा से अधिक बढ़कर 28.1 प्रतिशत हो गई है। यह दर जून महीने के मुकाबले और अधिक बढ़ी है। जबकि, जून की बात करें तो हरियाणा में बेरोजगारी की दर 27.9 प्रतिशत थी। यानी, प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की अदूरदर्शिता के चलते फिर से अपना रिकॉर्ड तोड़ कर हरियाणा बेरोजगारी के मामले में देश में सर्वोच्च शिखर पर काबिज हो गया है। बेरोजगारी पर कंट्रोल न कर पाने वाली हरियाणा की गठबंधन सरकार की गलत नीतियों के चलते प्रदेश बार-बार बेरोजगारी के मामले में अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर देश में पहले स्थान पर बना हुआ है। बेरोजगारी की यह दर देश के तमाम छोटे-बड़े राज्यों में सबसे ऊपर है। हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार अपनी ही धुन में है और उन्हें प्रदेश के लोगों के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। सरकार आंकड़ों की बाजीगरी में लगी हुई है। आंकड़ों की बाजीगरी की बजाए अगर इतना समय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने में लगाते तो प्रदेश की हालत इतनी बुरी नहीं होती। कुमारी सैलजा ने कहा कि इस सरकार की नीयत में हरियाणा प्रदेश के युवाओं को रोजगार देना है ही नहीं। सरकार की नाकामियों के कारण प्रदेश में उद्योग धंधे तबाह हो चुके हैं। बड़े-बड़े उद्योग प्रदेश से पलायन कर रहे हैं। प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां खत्म हो चुकी हैं। वर्षों से कार्यरत लोगों को ही नौकरियों से निकाला जा रहा है। वहीं अब हरियाणा प्रदेश में लगातार हो रहे पेपर लीक इस सरकार की नाकामियों का सबसे बड़ा जीता जागता उदाहरण है। इस सरकार में तीन दर्जन से अधिक ज्यादा पेपर लीक हो चुके हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने वर्ष 2016 में गुड़गांव के फाइव स्टार होटल में हैपनिंग हरियाणा नाम से दो दिन का बड़ा इवेंट किया था, जिस पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए। इसके बाद सरकार ने दावा किया था कि उद्योग प्रतिनिधियों के साथ हरियाणा सरकार ने 357 एमओयू साइन किए, जिनसे 5 लाख 84 हजार करोड़ का अनुमानित निवेश बताया गया था। साथ ही 5 लाख नए रोजगार सृजित होने का दावा किया गया था। लेकिन, आज 2021 में भी यह सब हवा हवाई ही है। सीएमआईई के ताजा आंकड़े प्रदेश की गठबंधन सरकार की पोल खोलने के लिए काफी हैं। Post navigation जलवायु परिवर्तन पर एक दिवसीय इंसेप्शन वर्कशॉप का आयोजन कोविड के बावजूद नाबार्ड से वित्तीय सहायता प्राप्त करने में हरियाणा देश में सबसे अग्रणी रहा