नाबालिग बच्चियों एवं महिलाओं की सुरक्षा करने में भाजपा-गठबंधन सरकार फेल: अभय सिंह चौटाला

महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए प्रदेश में महिला पुलिस की बेहद कमी: अभय सिंह चौटाला
ब्यूरो आफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के अनुसार हरियाणा प्रदेश की पुलिस में महिलाओं की भागीदारी मात्र 8.34 प्रतिशत
इनेलो ने 2004 में औद्योगिक सुरक्षा बल में 20 प्रतिशत महिलाओं की भर्ती कर की थी शुरूआत
पुलिस में महिलाओं की भागीदारी को 33 प्रतिशत किया जाना बेहद जरूरी
हरियाणा प्रदेश गैंगरेप, हत्या, लूट और अपहरण करने वालों के लिए बन चुका है स्वर्ग

चंडीगढ़, 11 अगस्त:  पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने सोनीपत जिले के राई में दो नाबालिग बच्चियों के साथ उनकी माँ के सामने गैंगरेप के बाद हत्या करने की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह बेहद जघन्य अपराध है और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। बेहद पीड़ा होती है जब समाचारों के माघ्यम से हर रोज ऐसी घटनाएं सुनने को मिलती हैं। प्रदेश में महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार और छेड़छाड़ के मामले हररोज बेतहाशा बढ़ रहे हैं लेकिन प्रदेश की गठबंधन सरकार आंखें मूंदकर बैठी है।

अभय सिंह चौटाला ने कहा कि यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा की हरियाणा पूरे देश में गैंगरेप, हत्या, लूट और अपहरण करने वालों के लिए स्वर्ग बन चुका है और जनता नर्क भोगने पर मजबूर है। आज प्रदेश में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि कोई भी अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करता। भाजपा का ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा सिर्फ नारा बन कर रह गया है जबकि धरातल पर परिस्थितियां बेहद डरावनी हैं।

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए महिला पुलिस की बेहद कमी है। इनेलो ने 2004 में औधोगिक सुरक्षा बल में 20 प्रतिशत महिलाओं की भर्ती कर इसकी शुरूआत की थी। एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार केंद्रिय गृह मंत्रालय ने 2013 में पुलिस में महिलाओं की तादाद बढ़ाकर 33 प्रतिशत करने को कहा था। लेकिन गृह मंत्रालय के बार-बार कहने के बावजूद भी हरियाणा प्रदेश की सरकार ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। ब्यूरो आफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के अनुसार आज भी हरियाणा प्रदेश की पुलिस में महिलाओं की भागीदारी मात्र 8.34 प्रतिशत है जबकि हिमाचल में यह भागीदारी हमारे प्रदेश से ढाई गुणा अधिक 19.15 प्रतिशत है। महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए पुलिस में महिलाओं की भागीदारी को 33 प्रतिशत किया जाना बेहद जरूरी है।

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