कमलेश भारतीय

गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय के कुलसचिव प्रो अवनीश वर्मा ने कहा कि आया सावन झूम के कार्यक्रम से जैसे सारा आंगन महक गया । प्रकृति के अनेक रंग हैं जिनमें सावन का अलग महत्त्व है । प्रो वर्मा ने आह्वान किया कि प्रकृति से खिलवाड़ करना बंद किया जाये । जब तक प्रकृति से खिलवाड़ करते रहेंगे तब तक प्रकृति भी अपना रौद्र रूप दिखाती रहेगी । कुलसचिव प्रो वर्मा गुजवि के युवा कल्याण निदेशालय द्वारा आयोजित आया सावन झूम के कार्यक्रम के मुख्यातिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कविता सुनाते कहा : एक लम्हा ऐसा था

जब वक्त ने पतझड़ दिया
सौगात में
लेकिन मैं भी क्या ढीठ था
मैंने सावन चुरा लिया।

इससे पूर्व डीएसडब्ल्यू डीन प्रो दीपा मंगला ने स्वागत करते कहा कि नृत्य व गायन किसी भी समृद्ध संस्कृति के अंग हैं । नृत्य के माध्यम से बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति होती है । स्थगित नृत्य जैसी कलायें हमें आत्मा से जोड़ती हैं । प्रो दीपा मंगला ने स्वयं बहुत मधुर सुर में दो गीत सुना कर सबको सुखद आश्चर्य से भर दिया ।

इस कार्यक्रम की मुख्य गायिका एचएयू की एसिस्टेंट प्रोफेसर व लोक कलाकार डाॅ संध्या शर्मा थीं जिन्होंने शिव पार्वती के प्रसंग से लेकर सावन के अनेक लोकगीत प्रस्तुत किये । डाॅ संध्या के साथ रवींद्र नागर सहयोगी गायक रहे जबकि ढोलक पर सुनील व नगाड़े पर सुभाष रहे । डाॅ संध्या ने शिव को सावन तो गंगा की पार्वती से तुलना की । भाई बहन के प्रेम से भरे गीत की पंक्तियां रहीं :

आया तीजां का त्योहार
आज मेरा वीरा आवेगा ,,,
डाॅ संध्या शर्मा ने यह भी सुनाया;
पड़ने लगी फुहार
कि रिमझिम साम्मण आया ,,,
लाया संदेश मेरे वीर का

इस कार्यक्रम का संचालन रश्मि ने किया जबकि निदेशालय के निदेशक अजीत सिंह ने सबका आभार व्यक्त करते कहा कि लोक संस्कृति से जुड़े ऐसे अनेक कार्यक्रम करवाये जाते रहेंगे जिससे छात्रों को अपनी संस्कृति से लगाव हो । कार्यक्रम के तकनीकी पक्ष से मैकेनिकल विभाग से रवि गहलौत, सीएमटी से जगफूल सिंह व निदेशालय से संदीप पंघाल ने भी भरपूर योगदान दिया ।

error: Content is protected !!