प्रजापति हनुमान वर्मा हिसार 10 अगस्त – ओबीसी आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक प्रजापति हनुमान वर्मा ने प्रेस में जारी बयान में बताया लोकसभा में पास हुआ संविधान संशोधन बिल जिसमें राज्य सरकारें जारी कर सकेगी ओबीसी की लिस्ट ओबीसी के लिए एक काला अध्याय है । वर्मा ने कहा केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने लोकसभा में संविधान में 127 वां संशोधन विधेयक 2021 पास किया इसके बाद सर्वसम्मति से बिल पास हो गया विपक्षी पार्टियां ने भी इस विधेयक का समर्थन किया । यह बिल राज्य सरकारों को ओबीसी लिस्ट तैयार करने का अधिकार देगा । पीएम मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट ने इस पर मोहर लगा दी थी । ये मांग कई क्षेत्रीय दलों के साथ सत्ताधारी पार्टी के ओबीसी नेताओं ने की थी । सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद यह बिल संसद में पेश किया गया । मई में सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि केवल केंद्र को यह अधिकार है कि वह ओबीसी समुदाय से जुड़ी लिस्ट तैयार कर सके। हालांकि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इस पर आपत्ति जाहिर की गई । इसी के बाद अब केंद्र सरकार संविधान संशोधन बिल लाकर इसे कानूनी रूप देना चाहती थी । संसद में संविधान के अनुच्छेद 342 ए ओर 366 (26 ) सी के संशोधन पर मोर लगाने के बाद राज्यों के पास ओबीसी वर्ग में अपनी जरूरत के मुताबिक जातियों को अधिसूचित करने की शक्ति मिलेगी। वर्मा ने कहा कि एक तरफ तो माननीय नरेंद्र मोदी जी ने ओबीसी के 27 मंत्री बनाएं और नीट में ओबीसी को 27% आरक्षण देने का काम किया और दूसरी तरफ ऐसा बिल लाकर ओबीसी की कमर तोड़ने का काम किया है । वर्मा ने कहा इस बिल से ओबीसी को बहुत बड़ा घाटा होगा जब राज्यों को अधिकार दे दिया कि वह किसी भी जाति को ओबीसी वर्ग में अपनी जरूरत के मुताबिक अधिसूचित करें सकेंगे । अब तो वह लोग जो दबंग है और सरकार को झुका कर ओबीसी के आरक्षण में घुस जाएंगे । हम सरकार से अपील करते हैं कि इस संशोधन को वापस ले और ओबीसी के साथ सरकार कुठाराघात ना करें अगर सरकार ने ऐसा किया तो 60% लोग जो ओबीसी के हैं वह भारतीय जनता पार्टी से मुख मोड़ लेगे । वर्मा ने कहा इसमें विपक्ष का भी पुरा हाथ हैं । वो ओबीसी के आरक्षण को खत्म करना चहाते । विपक्ष का इस बिल का समर्थन करना इस बात का परिचायक है । Post navigation लोक संस्कृति और सहज सादगी से भरा जीवन हमें आकर्षित करता है: चंद्रकांता सीके अब सारा आंगन महक गया : प्रो अवनीश वर्मा