देश में खिलाड़ियों के नाम पर जो भी सुविधाएं,इनाम, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टेडियम इत्यादि बनाए जाएं वह किसी ना किसी खिलाड़ी के नाम पर ही बनाए जाएं- गृह मंत्री अनिल विज
खेल में तो बिल्कुल भी राजनीति नहीं लानी चाहिए- विज
खिलाड़ी खिलाड़ी होता है उसकी कोई पार्टी,क्षेत्र, प्रदेश नहीं होता वह देश के लिए खेलता है- अनिल विज
“मैं चाहता हूं कि सारे हिंदुस्तान में जितने भी ऐसे प्रोजेक्ट और योजनाएं हैं वह हमारे देश के खिलाड़ियों के नाम पर रखी जानी चाहिए- विज
हरियाणा खिलाड़ियों का सबसे ज्यादा सम्मान करता है- गृह मंत्री अनिल विज
जितनी इनाम राशि हरियाणा में खिलाड़ियों को दी जाती है सारे देश में नहीं दी जाती- अनिल विज
हमें बचपन से ही बच्चों को खेल के प्रति तैयार करना होगा- विज
अच्छे ट्रेनर्स और साइंटिफिक कोचिंग देनी होगी, तभी हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे- गृह मंत्री
प्रदेश में खिलाड़ियों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए योजना व मैपिंग की- विज
हरियाणा में खेल विश्वविद्यालय बनाया, जो जल्द ही संचालित हो जाएगा- अनिल विज
हरियाणा के खिलाड़ी पूरे देश के पदकों की भूख मिटा सकते हैं- विज

चंडीगढ, 9 अगस्त- हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि देश में खिलाड़ियों के नाम पर जो भी सुविधाएं,इनाम, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टेडियम इत्यादि बनाए जाएं वह किसी ना किसी खिलाड़ी के नाम पर ही बनाए जाएं, इससे खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलती है और वह आगे अपने खेल में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।

श्री विज ने यह बात आज विपक्ष पर हमला करते हुए कहीं। उन्होंने विपक्ष पर प्रहार करते हुए कहा कि जो एतराज कर रहे हैं इन्होंने आजादी के बाद 50 से 60 साल राज किया और जितनी भी परियोजना बनी है, वह सभी परियोजनाएं में से 90 से 95% नेहरू और गांधी परिवार के नाम पर बनी। अब यदि दूसरों का भी नाम आगे आने दो, तो उन्हें स्वागत करना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने यदि ध्यानचंद के नाम पर नाम खेल रतन अवार्ड का नाम रख दिया है तो यह अच्छी बात है इसका सबको स्वागत करना चाहिए। श्री विज ने कहा कि हर बात में राजनीति नहीं लानी चाहिए और खेल में तो बिल्कुल भी राजनीति नहीं लानी चाहिए क्योंकि खिलाड़ी खिलाड़ी होता है उसकी कोई पार्टी,क्षेत्र, प्रदेश नहीं होता वह देश के लिए खेलता है। आज जितने भी खिलाड़ी हैं वह देश के लिए खेल कर आए हैं फिर देखो आप हमारा खेल कहां जाएगा। इसमें राजनीति यदि वह करते हैं तो ये बहुत बड़ी रुकावट पैदा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यदि खिलाड़ी के नाम से कोई चीज रखी जाती है तो उसका बहुत बड़ा असर होता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे मंदिर का नाम किसी न किसी भगवान के नाम पर होता है आदमी जब वहां जाता है तो उसकी शक्ति बढ़ जाती है, ताकत बढ़ जाती है। इसी प्रकार, खेल से जुड़ी चीजों स्टेडियम इत्यादि का नाम यदि खिलाड़ियों के नाम पर रखा जाएगा तो खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि “मैं चाहता हूं कि सारे हिंदुस्तान में जितने भी ऐसे प्रोजेक्ट और योजनाएं हैं वह हमारे देश के खिलाड़ियों के नाम पर रखी जानी चाहिए ताकि खिलाड़ियों को उससे प्रेरणा मिले” और जब किसी ओलंपिक खिलाड़ी के नाम पर स्टेडियम में कोई खिलाड़ी पैर रखता है तो उसका असर और ही होता है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा खिलाड़ियों का सबसे ज्यादा सम्मान करता है जितनी इनाम राशि हरियाणा में खिलाड़ियों को दी जाती है सारे देश में नहीं दी जाती। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए हमें बचपन से ही बच्चों को खेल के प्रति तैयार करना होगा और उन्हें अच्छे ट्रेनर्स और साइंटिफिक कोचिंग देनी होगी, तभी हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि हम ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़ रुपये, सरकारी नौकरी और छूट पर हुड्डा का प्लाट देते हैं। इसी प्रकार, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ रुपये, सरकारी नौकरी और छूट पर प्लाट दिया जाता है तथा कांस्य पदक विजेता को भी ढाई करोड रुपये, सरकारी नौकरी और और छूट पर प्लाट दिया जाता है। श्री विज ने कहा कि इतनी बड़ी राशि किसी और प्रदेश में नहीं दी जाती है।

श्री विज ने कहा कि हम प्रदेश में खिलाड़ियों के लिए सब सुविधाएं देते हैं, इनमें इंफ़्रास्ट्रक्चर बनाने पर हम पूरा ध्यान दे रहे हैं और प्रदेश में खिलाड़ियों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए योजना व मैपिंग की हुई है कि कहां-कहां पर क्या-क्या इंफ्रास्ट्रक्चर बना कर देना है, उस पर लगातार काम जारी है और हम खिलाडियों को अन्य सुविधाएं भी देते हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि हरियाणा में खेल का खूब टैलेंट है और मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि हरियाणा में वह क्षमता है कि सारे देश के मेडल की भूख अकेला हरियाणा पूरी कर सकता है और हम उस दिशा में लगातार लगे हुए हैं व एक-एक खेल के लिए हम पूरा ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने हरियाणा में खेल विश्वविद्यालय बनाया हैं जो जल्द ही संचालित हो जाएगा। इसके अलावा, स्कूलों में हमने नर्सरिया खोली हैं क्योंकि यदि नीचे से ही बच्चे को हम तैयार नहीं करेंगे तो खिलाड़ी खेल नहीं सकते। उन्होंने कहा कि स्कूलों के स्तर पर ही हमें बच्चों को तैयार करना होगा।

श्री विज ने कहा कि मैंने कई देशों का मॉडल अध्ययन किया है और जो देश एशियाड, कॉमनवेल्थ और ओलंपिक में सबसे ज्यादा मेडल लाते हैं वह देश बचपन से ही खेलों की तरफ बच्चों को आकर्षित और ट्रेनिंग देने के लिए तैयारी करते हैं। उन्होंने कहा कि जब वे खेल मंत्री थे तब उन्होंने स्कूलों में 450 खेल नसियां खोली थी, उनमें बकायदा डाइट मनी और कोच की सुविधा है और कोच को वेतन भी दिया जाता है। उन्होंने कहा कि बल्कि स्कूल हमारे पास आया करते थे कि हमारे यहां पर नर्सरीयां खोली जाएं और हम नर्सरी चलाना चाहते हैं।

श्री विज ने कहा कि वर्ष 2024 में हरियाणा एक ऐसा राज्य है जो पूरे भारत के पदकों की भूख को मिटा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने यहां पर कोच तैयार करने होंगे, इसीलिए हमने राई में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाई है और इसमें थोड़ी बहुत अड़चनें हैं जो जल्द ही हट जाएंगी और यह जल्द संचालित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जब तक हम यहां पर ट्रेनर्स को तैयार नहीं करेंगे तब तक हमारे यहां अच्छे खिलाड़ी नहीं पैदा हो सकते। उन्होंने कहा कि हमें साइंटिफिक कोचिंग की तरफ भी ध्यान देना होगा कि हमारे खिलाड़ियों को पोषण के रूप में क्या मिलना चाहिए ताकि वे अपना अच्छा प्रदर्शन कर सकें। श्री विज ने कहा कि हम खेल विश्वविद्यालय में विशेषज्ञ तैयार करेंगे ताकि खेलों को आगे बढ़ाया जा सके।

गृह मंत्री ने कहा कि “मुझे पिछले दिनों बहुत ज्यादा संक्रमित कोरोना हो गया था लेकिन जैसे ही टोक्यो ओलंपिक में भारत का गोल्ड आया मैं अपने आपको रोक नहीं सका” और “हर दिल जो प्यार करेगा वह गाना गाएगा”। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में भारत का गोल्ड आना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और इस उपलब्धि के सामने “मैं अपने आपको नहीं रोक सका मैं झूम झूम कर नाचने व गाने लगा”। उन्होंने कहा कि जब मैं नाच सकता हूं तो ऐसे में कोई भी व्यक्ति अपने आप को नहीं रोक सकता। श्री विज ने कहा कि हमें खेलों की तरफ ध्यान देना होगा और हरियाणा की तरह ही अन्य प्रदेशों को भी खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए राशि बढ़ानी होगी तभी हमारा देश खेल में आगे बढ़ सकेगा। उन्होंने कहा कि पहले कहा जाता था खेलेगा कूदेगा बनेगा खराब, पड़ेगा लिखेगा बनेगा नवाब लेकिन अब यह धारणा बदल गई है अब खेलेगा कुदेगा बनेगा नवाब।

उन्होंने कहा कि जब तक हम खिलाड़ियों को प्रोत्साहन नहीं देंगे,उनको कोई लक्ष्य नहीं देंगे या उनको सामने कोई भविष्य नहीं रखेंगे, तब तक हमारे बच्चों को मां-बाप बाहर खेलने के लिए नहीं जाने देंगे।

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