होनहार एचसीएस को टांका लगा हमारे भारत देश एक से बढ कर एक भूषण-आभूषण हैं। इन्हीं में से एक वर्ष 2013 बैच के एचसीएस अधिकारी के साथ बहोत गलत हो गया। अब तक इन्होंने जो भी माल पानी कमाया था, वो सब इनका इनसे छिन्न गया। हाथ से निकल गया। गुड़गामा-फरीदाबाद में तैनाती के दौरान इन सज्जन ने जो चौके-छक्के मारे थे, जो चतुराई की थी, वो अब इनके किसी काम की नहीं रही। इनके सहयोगी एचसीएस अधिकारियों के मुताबिक इनको 18-20 करोड़ रूपए का टांका लगा है। जो चूना ये दूसरों को लगाते थे,वो इनको लग गया है। अपनी सारी काली कमाई ये अपने एक दोस्त के पास रखते थे-निवेश करते थे,उसका कोरोना से निधन हो गया है। तेहरवीं होने के बाद ये सज्जन अपने दोस्त की बीवी की के पास गए और उनको प्रणाम भाभी जी कहा। भाभी जी ने इनसे घर पर आने का हेतु पूछा। ये सज्जन कहने लगे: भाभी जी, जैसा कि ये विषय आपके संज्ञान में है ही कि हम और वो सारा धंधा इकटठे मिल करते थे। सो अब हिसाब किताब हो जाए। भाभी जी कहने लगी, हो रखा है सारा हिसाब किताब। ना आपका हमारी तरफ कुछ बकाया है, ना हमारा आपकी तरफ कुछ बकाया। आपका अपना रास्ता है और हमारा अपना रास्ता। अब आप जा सकते हैं। ये कह कर भाभी जी ने इन सज्जन को प्रणाम भाई साहब बोल दिया। दरवाजा दिखा दिया। कोई गल्ल नीं। भाई जी यंू मायूस नहीं हुआ करते। कुरूक्षेत्र की पावन धरती से निकले गीता के संदेश कोे आत्मसात करो। इसमें कहा गया है: क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो? जो हुआ,अच्छा हुआ, जो हो रहा है, वो अच्छा होगा, जो होगा, वो भी अच्छा होगा। तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो? तुम साथ क्या लाए थे जो तुमने खो दिया? तुम भूतकाल का पश्चाताप न करो। भविष्य की चिंता मत करो। वर्तमान चल रहा है। खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाना है। जो आज तुम्हारा है, कल और किसी की था,परसों और किसी का होगा। तुम इसे अपना समझ कर मग्न रहे,यही प्रसन्नता तुम्हारे दुखों का कारण है। सो हमारा तो इन एचसीएस सज्जन को यही कहना है कि इन मामूली झटकों से विचलित होने की आवश्यकता नहीं है। आप को दोगुने उत्साह से-दोगुनी ताकत से फिर से जुटना होगा। लोग बेवकूफ बनने को आतुर है। उनको चूना लगाने की अपनी कला पर भरोसा रखो। मीठी मीठी बातों में लोगों को फंसाने की अपनी वाणी पर विश्वास रखो। धोखा देने के अपने हुनर को फिर से आजमाओ। फिर से मार्किट में आओ। ये ठीक है कि हाल फिलहाल सरकार आपकी प्रतिभा का उचित इस्तेमाल नहीं कर पा रही। लेकिन इसमें सरकार का भी क्या ही कसूर? हीरे को तो जौहरी ही पहचान सकता है। अब इस सरकार में देखिए, कितने ही हीरे मारे मारे फिर रहे हैं। महज इसलिए कि इनको एक अदद जौहरी नहीं मिल रहा। लेकिन इस से घबराएं नहीं। फिर से आपके दिन फिरेंगे। फिर से आपको गुड़गामा में बढिया पोस्टिंग मिलेगी। फिर से लोगों को चूना लगाने के अवसर आप को प्रचुर मात्रा में मिलेंगे। सो हे वीर आप धैर्य बनाए रखें। अपने लक्ष्य पर निशाना बनाए रखें। जीवन में उतार चढाव आते रहते हैं। एक सच्चा वीर इन चुनौतियों से कभी नहीं घबराता। वो तो इन चुनौतियों को अवसर के तौर पर तबदील कर देता है। दूर क्यों जाना-ओलंपिक खेलों में ही देख लो। मैडल कौन ला रहा है और श्रेय कौन ले रहा है? सब आपके सामने हैं। श्रेय लेने के नाम पर क्या क्या नहीं किया जा रहा? एक से बढ एक एक ढोंगी-पाखंडी लोग बेहयायी से ऐसा प्रचाारित कर रहे हैं-करवा रहे हैं कि ये मैडल इनकी मेहनत का ही नतीजा है। खिलाड़ियों का तो बस नाम नाम है। प्रेरणा तो इन खिलाड़ियों को इन्हीं वीरों ने दी। जब घर में इतने बेहतर फेंकने वाले कोच होंगे तो खिलाड़ी तो मैदान में सोना उगलेंगे ही। सो आप इन महापुरूषों से प्रेरणा लें। आपके साथ जो गलत हुआ है, उसको आप भूल जाएं। नए अवसर तलाशें। ये ठीक है कि अभी अंधेरा घना है,मगर दीपक जलाना कहां मना है? निराश मत हों। हताश मत हों। और मैं तो ये भी कहता हंू कि आप स्वंय भी एक बेहतर कोच साबित हो सकते हो। नए नवेले आईएएस-आईपीएस-एचसीएस आदि अफसरों के पथ प्रदर्शक बन सकते हो। आपके पास इतना विराट अनुभव है। आप तो इस कोचिंग कारोबार से भी मौटा कमा सकते हो। नौकरी तो करते रहिए। नौकरी नहीं छौड़नी है। इसी से तो आपको अभी और कई किस्म के तर्जुेबे होने हैं। हम तो कोचिंग को साइड बिजनैस के तौर पर अपनाने की संभावना तलाशने को कह रहे हैं। जो गलती आप से हुई, ऐसी दूसरे साथी अफसरों से भी तो हो सकती है। सो आप इस क्षेत्र में खुद को ब्रांड एम्बैसडर के तौर पर स्थापित करें। आप इनको वो गुर दें, जिन से ये खुद को चूना लगने से बचा जा सकता है। आप इनको टयूशन दें कि किस तरह से लोगों को ज्यादा से ज्यादा चूना लगाया जा सकता है। किस तरह से जनता के सामने एक्टिंग करनी है? पावरफुल के सामने कैसे भीगी बिल्ली बनना है? कमजारे पर कैसे धौंस जमानी है? सहानुभूति किस तरह से हासिल करनी है? किस तरह से तिकड़म लड़ा कर अपने शिकार को फंसाना है? बिजनैस की कुछ ट्रिक्स सिखाएं। आप से बेहतर ये बात भला कौन जानता होगा कि ज्ञान और खुशी तो बांटने से सदा बढती है। महाज्ञानी तो आप पहले से ही थे,लेकिन अब तो भुक्त्तभोगी भी हो गए हो। इसलिए आपकी ब्रांड वैल्यू बढ गई है। आपकी कोचिंग कंपनी के शेयरों में इन दिनों तेजी है। अपना ये हुनर अगर आप ने दूसरे जरूरतमंदों से सांझा नहीं किया तो ये बहोत नाइंसाफी होगी। खुद के साथ भी और दूसरों के साथ भी। भविष्य बाहें फैलाएं आपका इंतजार कर रहा है। कब आप फिर से कोचिंग की दूसरी पारी शुरू करेंगे? कब आप फिर से मैदान में उतरेंगे? आप कोे अपना गुरूदेव बनाने के लिए बहोत से गुरूघंटाल व्याकुल हैं। आप ने तो महज इतना सा ही अपना प्रिय गुर इनको सिखाना और बताना है: झूठों ने झूठों से कहा है सच बोलोसरकारी ऐलान हुआ है सच बोलोघर के अंदर तो झूठों की एक मंडी हैदरवाजे पर लिखा हुआ है सच बोलो Post navigation विश्वविद्यालयों में कौशल विकास से सम्बन्धित ज्यादा से ज्यादा कोर्स स्थापित करें : राज्यपाल हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज हुए भावुक चाहें सब कुछ हो खिलाड़ियों के नाम !